सार
राजनीतिक पार्टियों के तौर पर अपनी साख गंवा रही बहुजन समाज पार्टी ने भारत निर्वाचन आयोग को सूचित किया कि उसे कम कमाई करने वाले लोगों से ही चंदे का योगदान मिलता है। आयोग को दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि उनकी पार्टी को 20,000 हजार से ज्यादा का चंदा नहीं मिला है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर चल रही बहुजन समाज पार्टी ने भारत निर्वाचन आयोग को सूचित किया है कि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान किसी भी दानदाता ने उनकी पार्टी को 20 हजार रुपए से ज्यादा का चंदा नहीं दिया है। भारत निर्वाचन आयोग ने पार्टी द्वारा दी गई इस जानकारी को बुधवार को सार्वजनिक कर दिया है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29 सी के मुताबिक, हर राजनीतिक पार्टी को 20 हजार से ऊपर मिल रहे चंदे की रिपोर्ट बनाकर आयोग को सौंपना होता है। इसके बाद ही ये जानकारी सामने आई।
बसपा को नहीं मिल रहा 20,000 रुपए से अधिक का चंदा
बसपा द्वारा सौंपी गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान मायावती की पार्टी को किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा 20 हजार रुपए से अधिक का चंदा नहीं मिला है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कई वर्षों से कम कमाई करने वाले लोगों के द्वारा ही पार्टी को चंदा मिलता रहा है। मयावती की पार्टी ने पिछले कई वर्षों से यही रुख बनाए रखा है। पार्टी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में बताया गया है इस धनराधि से ज्यादा का योगदान उनकी पार्टी को नहीं मिला है।
चंदे की रकम खत्म करने पर जोर दे रहा था आयोग
वहीं, निर्वाचन आयोग 20 हजार रुपए की सीमा को खत्म करने पर जोर दे रहा था। आयोग का कहना था कि सभी पार्टियों को मिल रहे चंदे की रकम उनके संज्ञान में होना आवश्यक है फिर चाहे किसी भी पार्टी को कितना कम या ज्यादा ही चंदा क्यों न मिल रहा हो। राजनीतिक दलों के आय का मुख्य स्त्रोत चंदा ही है। ताजा आंकड़ों की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2020-21 में राष्ट्रीय पार्टियों को 3753 लोगों ने 20 हजार या उससे अधिक की रकम चंदे के तौर पर दी है।