सार
मेरठ में वन दारोगा अजीत भड़ाना एक सभा में पहुंचे और उन्होंने वर्दी उतारकर लाल टोपी पहन ली। उन्होंने बीजेपी विधायकों पर उत्पीड़न और धमकाकर वोट मांगने का आरोप लगाया। अजीत भड़ाना ने यह भी कहा कि उन्होंने अधिकारियों को भी इस्तीफा भेज दिया है।
मेरठ: गांव करीमपुर में समाजवादी पार्टी की पंचायत चल रही थी। इसी बीच वन दारोगा अजीत भड़ाना (Ajit Bhadana) वहां पहुंचे। उन्होंने वर्दी उतारी और समाजवादी पार्टी की टोपी को पहन लिया। अजीत ने आरोप लगाया कि उनका विधायकों द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है। भाजपा के लिए समर्पित होने को उन पर दबाव बनाया जा रहा है। इसी के चलते वह इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
यूपी के मेरठ में भाजपा नेताओं से परेशान होकर वर्दी पहले एक दरोगा ने भरी सभा में ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि विधायक और मंत्री धमकाकर वोट मांगते हैं। बीजेपी वालों ने खून पी रखा है। जिसके चलते वह नौकरी छोड़कर समाज के लिए इस्तीफा दे रहे हैं। वन दरोगा अजीत भड़ाना ने प्रत्याशी की सभा में ही सपा का दामन भी थाम लिया।
उन्होंने बताया कि भाजपा नेता अशोक कटारिया का फोन आया, सवाल किया कहां हो। बताया ड्यूटी पर हूं तो पूछा वोट किसे कर रहे हो। कहा कि आपके विधायक गाली देते हैं उनकी गाली सुनें और वोट भी दें। अजीत भड़ाना ने कहा कि कभी दिनेश खटीक तो कभी संगीत सोम का फोन आ जाता है और वह धमकाते हैं। परेशान हो गया हूं इसलिए त्यागपत्र दे रहा हूं। विभाग को भी पत्र भेज दिया है।
35 वर्ष से थे कार्यरत
अजीत भड़ाना मवाना के रहने वाले हैं। वन विभाग बुलंदशहर में उनकी तैनाती थी। तकरीबन 35 साल से वह कार्यरत थे। अजीत ने कहा कि भाजपा सरकार में नौकरीपेशा लोगों का उत्पीड़न हो रहा है। इसलिए वह नौकरी से इस्तीफा दे रहे हैं।