सार

यूपी के जिले मेरठ में पत्नी ने पति को मारने के लिए 1.5 लाख की सुपारी दी। इतना ही नहीं महिला ने आरोपियों को एक पिस्टल भी मुहैया कराई थी। इसी के जरिए आरोपी ने युवक को गोली मार कर हत्या कर दी थी। फिलहाल पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

मेरठ: उत्तर प्रदेश के जिले मेरठ में बुधवार की दोपहर को बाइक सवार दो हमलावरों ने घर के बाहर खड़े प्रदीप शर्मा को गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही हत्या के मामले में  एक आरोपी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। वहीं दूसरा साथी फरार होने में कामयाब हो गया। घायल को पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। प्रदीप की हत्या कर फरार हुए आरोपियों को एसओजी टीम की जागृति विहार एक्सटेंशन के पास मुठभेड़ हुई। आरोपी से पुलिस पूछताछ कर रही है।

युवक के पिता ने बहू पर लगाया था हत्या का आरोप
पुलिस द्वारा पूछताछ में अभी तक हत्या के मामले में कई बड़े खुलासे हुए हैं। आरोपी ने बताया कि प्रदीप की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसकी ही पत्नी ने डेढ़ लाख रुपए की सुपारी देकर कराई थी। वहीं प्रदीप शर्मा के पिता देवेंद्र शर्मा ने पुत्रवधू नीतू पर हत्या कराने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस की पूछताछ में नीतू ने दो शूटर समीर निवासी गेसूपुर भावनपुर और मनीष शर्मा निवासी किठौर का नाम पुलिस का नाम बताया है। इन्हीं दोनों आरोपियों की गुरुवार सुबह एसओजी ने घेराबंदी कर ली है, जिसमें एक आरोपी गिरफ्तार हुआ है।

रुपए के साथ पत्नी ने पिस्टल कराई थी मुहैया
शहर के शास्त्रीनगर में सुपारी देकर पति प्रदीप शर्मा की हत्या कराने वाली महिला नीतू से पूछताछ के बाद पुलसि ने गुरुवार को मुखबिर की सूचना पर दोनों शूटरों की घेराबंदी कर ली। इसी दौरान मुठभेड़ में एक शूटर को पुलिस ने पैर में गोली मार दी। एसएसपी रोहित सिंह सजवान का कहना है कि पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि आरोपी समीर करीब छह माह से नीतू के घर में किराए पर रह रहा था। इसके साथ ही नीतू ने अपने पति की हत्या कराने के लिए 1.50 लाख रुपये सुपारी के तौर पर दिया था और आरोपियों को एक पिस्टल भी मुहैया कराई थी। 

चाल-चलन ठीक नहीं होने की वजह से होती थी लड़ाई
बता दें कि बुधवार को शास्त्रीनगर सेक्टर-13 में प्रदीप शर्मा की समीर व उसके साथी मनीष ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद प्रदीप के पिता देवेंद्र शर्मा ने बताया कि उनकी पुत्रवधू नीतू का चाल-चलन ठीक नहीं था। जिसकी वजह से प्रदीप टोकता था तो नीतू उसके साथ मारपीट करती थी। प्रदीप ही अपने बच्चों की परवरिश करता था और उनके लिए गांव से हर सामान लाकर देता रहता था। उन्होंने यह भी बताया कि नीतू के व्यवहार की वजह से मोहल्ले की महिलाएं भी उससे किनारा करने लगी थीं और कोई भी बात नहीं करता था। वहीं बेटे प्रदीप का मोहल्ले के सभी लोगों के पास अच्छी तरह आना-जाना था और उनके दुख-सुख में भी शामिल रहता था।

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