सार
दीवार पर टंगे मेडल और सर्टिफिकेट सोनम की कामयाबी की कहानी बयां करते हैं। सोनम के पिता श्यामू कन्नौजिया कहते हैं कि सोनम कबड्डी की नेशनल प्लेयर हैं, लेकिन लॉकडाउन की बंदिशों ने उन्हें दाने-दाने के लिए मोहताज कर दिया है। परिवार का पेट भरने के लिए सोनम अब लॉन्ड्री खोलने को मजबूर हैं।
वाराणसी (Uttar Pradesh) । कोरोना काल में कबड्डी की नेशनल प्लेयर सोनम कन्नौजिया ने अपने परिवार का पेट पालने के लिए लॉन्ड्री का काम शुरू कर दिया है। जिसे देखने के बाद खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के तमाम सरकारी दावों की कलई खुल जाती है। बता दें कि सोनम छत्तीसगढ़ 2020 में हुई 565 वीं राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीत चुकी हैं और खेल को ही अपना जीवन मानती हैं।
कामयाबी की कहानी बयां करते हैं ये मेडल
दीवार पर टंगे मेडल और सर्टिफिकेट सोनम की कामयाबी की कहानी बयां करते हैं। सोनम के पिता श्यामू कन्नौजिया कहते हैं कि सोनम कबड्डी की नेशनल प्लेयर हैं, लेकिन लॉकडाउन की बंदिशों ने उन्हें दाने-दाने के लिए मोहताज कर दिया है। परिवार का पेट भरने के लिए सोनम अब लॉन्ड्री खोलने को मजबूर हैं।
कक्षा 9 में पढ़ती है सोनम
सोनाम कबड्डी की राष्ट्रीय खिलाड़ी होने के साथ ही वाराणसी के बच्छाव स्थित महामना मालवीय इंटर कॉलेज में कक्षा 9 की छात्रा हैं। छोटी सी उम्र में इस बच्ची ने बड़ी मुकाम हासिल की है। सोनाम यूं तो कई राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में अपना लोहा मनवा चुकी हैं।