सार
यूपी में 8 जुलाई को एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू शुक्रवार को लखनऊ आएंगी। 8 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास पर प्रस्तावित बैठक में द्रोपदी मुर्मू भाजपा, अपना दल और निषाद पार्टी के विधायकों से मत एवं समर्थन देने की अपील करेंगी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा सूबा है इसलिए देश की राजनीति की दिशा और दशा तय करने में राज्य का अहम भूमिका रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू कल यानी शुक्रवार को लखनऊ आएंगी। 8 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास पर प्रस्तावित बैठक में द्रोपदी मुर्मू भारतीय जनता पार्टी, अपना दल और निषाद पार्टी के विधायकों से मत एवं समर्थन देने की अपील करेंगी। इतना ही नहीं उनके सम्मान में मुख्यमंत्री आवास पर भोज रखा गया है। द्रोपदी मुर्मू के स्वागत के लिए यूपी सरकार और भाजपा की ओर से जगह-जगह बैनर लगाए गए हैं।
देशभर के कुल वोटों का इतना हिस्सा यूपी के पास
उत्तर प्रदेश की भूमिका राष्ट्रपति के चुनाव में बेहद खास है। इस चुनाव में विधायक के एक मत का मूल्य 208 और सांसद के एक वोट का मूल्य 700 है। यदि भाजपा और सहयोगियों के कुल विधायकों को जोड़ा जाए तो इनके मतों का मूल्य 1.21 लाख है। इसमें भाजपा और सहयोगी दलों के सभी 273 विधायक, 25 राज्यसभा और 66 लोकसभा सांसदों के मत शामिल हैं। इन सभी की मूख्य भूमिका द्रौपदी मुर्मू को जिताने में रहने वाली है। इतना ही नहीं देशभर के जनप्रतिनिधियों के कुल वोटों का 14.88 फीसदी हिस्सा यूपी के पास में है।
मायावती ने द्रौपदी मुर्मू का इस वजह से किया समर्थन
बता दें कि राष्ट्रपति का समर्थन देने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसके पीछे की वजह भी बताई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन देने का ऐलान सत्ताधारी भाजपा या राजग की हिमायत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति की महिला होने के कारण ही द्रौपदी मुर्मू का समर्थन दिया गया है। बसपा ने अनुसूचित जनजाति समाज की महिला द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किसी व्यक्ति अथवा पार्टी विशेष की बजाय अनुसूचित जनजाति समुदाय के बहुजन समाज के अभिन्न अंग होने के नाते किया है।
जानिए क्यों राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रही है मायावती?