सार

वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी टेस्टर तैयार करने में महज 30 रुपए की लागत आ रही है। यह एम्प्लीफिकेशन मैकेनिज्म पर आधारित ट्रांजिस्टर, एलईडी, कॉपर वायर, इंसुलेटेड बैटरी स्विच की मदद से तैयार किया जा सकता है। 
 

कानपुर (उत्तर प्रदेश) । अब बिना तार  टच किए जान सकेंगे उसमें करेंट है या नहीं। इसके लिए वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी टेस्टर तैयार किया गया है। इसकी खोज अवधपुरी निवासी और 11वीं के छात्र शिवा पटेल ने किया है। महज 15 साल की उम्र में इस नन्हे वैज्ञानिक ने आईआईटी प्रोफेसरों के सामने अपने आविष्कार का प्रजेंटेशन भी दिया है।

30 रुपए आ रही है लागत
वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी टेस्टर तैयार करने में महज 30 रुपए की लागत आ रही है। यह एम्प्लीफिकेशन मैकेनिज्म पर आधारित ट्रांजिस्टर, एलईडी, कॉपर वायर, इंसुलेटेड बैटरी स्विच की मदद से तैयार किया जा सकता है। 

दस्तानों में भी किया जा सकता है फिट
यह वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी टेस्टर दो सेंटीमीटर दूर से यह बताने में सक्षम है कि तार में करंट है या नहीं। यह तकनीक बिजली का काम करने वाले लोगों की सुरक्षा में कारगर है। इससे दस्तानों में भी फिट किया जा सकता है।

स्टार्टअप कंपनी शुरू करने की ख्वाहिश
शिवा ने बताया कि पिता रमाकांत पटेल की असमय मृत्यु हो चुकी है। परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी पिता की पेंशन और मां बिट्टो के कंधों पर है। इसीलिए भविष्य में अपनी स्टार्टअप कंपनी बनाकर परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने और लोगों को रोजगार देने की ख्वाहिश है।

यूएसबी लेजर प्वाइंटर भी किया तैयार
शिवा ने यूएसबी लेजर प्वाइंटर भी बनाया है। इसे मोबाइल की ओटीजी केबिल से कनेक्ट कर इस्तेमाल किया जा सकता है। अब तक प्रोजेक्ट से पढ़ाने और प्रजेंटेशन के दौरान प्रयोग किए जाने वाले लेजर प्वाइंटर में छोटी बैटरी लगती है, जो 15-20 मिनट से ज्यादा नहीं चलती। इससे खर्च ज्यादा आता है, जबकि शिवा का लेजर प्वाइंटर मोबाइल से संचालित होता है। ऐसे में वह घंटों प्रयोग किया जा सकता है। इसका कोई अतिरिक्त खर्च भी नहीं है।