सार

राजधानी लखनऊ में घर में बेहोश पड़े 83 साल के बुजुर्ग की बेटी ने 500 किमी दूर से पुलिस को सूचना दी तो बिना देर किए पुलिस उनके घर पहुंच गई। बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उनकी हालत ठीक है। 

लखनऊ(Uttar Pradesh). कोरोना संकट के बीच लोगों के बीच मसीहा का काम कर रहे पुलिस कर्मी दिन रात लगे हुए हैं। यूपी पुलिस ही है जो इस लॉकडाउन के संकट काल में लोगों की वास्तविक हितैषी बन आकर सामने आई है। सूबे में पुलिस जरूरतमंदों के लिए फ़रिश्ते की तरह काम कर रही है। राजधानी लखनऊ में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। घर में बेहोश पड़े 83 साल के बुजुर्ग की बेटी ने 500 किमी दूर से पुलिस को सूचना दी तो बिना देर किए पुलिस उनके घर पहुंच गई। बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उनकी हालत ठीक है। 

लखनऊ के गौतमपल्ली थाना क्षेत्र के क्रिश्चियन कालोनी में रहने वाले मनोहर सिंह( 83) अकेले रहते हैं। उनके चार बच्चे हैं वह सभी बाहर रहकर नौकरी करते हैं। मनोहर सिंह की उम्र काफी हो गई है इसलिए उनका शरीर अब काफे कमजोर हो गया है। गुरूवार सुबह मनोहर सिंह घर के बाथरूम में गिर पड़े। कुछ देर बाद उनकी दिल्ली में रहने वाली बेटी ने पिता से बात करने के लिए फोन किया। लेकिन कई बार फोन करने के बाद भी उनका फोन नही उठा। जिसके बाद बेटी ने किसी अनहोनी की आशंका से एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा को फोन किया। बेटी ने एडीसीपी को बताया कि उसके पिता घर में बेहोश हो गए हैं।

पुलिस ने घर से लाकर पहुंचाया अस्पताल 
एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने इसकी सूचना गौतमपल्ली थाने की पुलिस को दिया। आनन-फानन प्रभारी निरीक्षक गौतम पल्ली सत्य प्रकाश टीम के साथ बुजुर्ग के घर पहुंचे और दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुए। बाथरूम में मनोहर सिंह बेहोश पड़े थे। एडीसीपी चिरंजीव सिन्हा के निर्देश पर मनोहर सिंह को तत्काल सहारा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां घंटों इलाज के बाद उनकी हालत अब सामान्य है। डॉक्टरों के मुताबिक, अगर थोड़ी देर और हो जाती तो बुजुर्ग की मौत हो सकती थी।

बुजुर्ग की बेटी ने पुलिस को बोला थैंक-यू
बुजुर्ग की बेटी के फोन करते ही सक्रिय हुई पुलिस ने समय रहते बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया। वह घंटों से घर के बाथरूम में गिरे पड़े थे . पुलिस की सक्रियता से बुजुर्ग की जान बच गई। जिसके बाद बुजुर्ग की बेटी ने फोन कर पुलिस को धन्यवाद दिया।