सार

राजभर ने कहा, योगी कहते हैं कि पढ़ो लिखो नौकरी मत मांगो। आखिर युवा अपना परिवार कैसे चलाएगा? एक बार योगी बयान देते हैं कि उनकी सरकरा ने 28 लाख लोगों को नौकरी दी, फिर कहते हैं कि 14 लाख लोगों को नौकरी दी गई।

वाराणासी. पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने मीडिया से बातचीत में योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, दंगा करने वाले लोग तो बीजेपी में शामिल हैं, तो दंगा कहां से होगा? बुलंदशहर इसका बड़ा उदाहरण है। स्याना कांड के आरोपियों को जब पुलिस ने पकड़ा तो भाजपा वालों ने कहा कि वे उनकी पार्टी के नहीं हैं। जब वही आरोपी जेल से छूटकर बाहर आए तो उनकी ही पार्टी के विधायक और सांसदों ने उनका फूलमालाओं से स्वागत किया। बता दें, बीते दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर में एक जनसभा की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अब यहां दंगे नहीं होते। पहले यहां सिर्फ दंगा-बवाल होता था। 

आगे बोलते हुए राजभर ने कहा, योगी कहते हैं कि पढ़ो लिखो नौकरी मत मांगो। आखिर युवा अपना परिवार कैसे चलाएगा? एक बार योगी बयान देते हैं कि उनकी सरकरा ने 28 लाख लोगों को नौकरी दी, फिर कहते हैं कि 14 लाख लोगों को नौकरी दी गई। अब वही सच बता सकते हैं कि कितने लोगों को नौकरी दी गई? योगी ने भगवान हनुमान जी की जाति बताई थी। अन्य देवी-देवता किस जाति के हैं, वो भी बता दीजिए। 

उन्होंने कहा, शिक्षा-रोजगार पर बात न हो इसलिए प्रदेश सरकार ने आजम खान का मुद्दा उछाल दिया। योगी सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। इसका एक उदाहरण मिर्जापुर में पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई का मामला भी है। सच दिखाने वाले पत्रकार के खिलाफ प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करवा दी। 

पूर्व मंत्री ने कहा, मॉब लिंचिंग में दलित, पिछड़ा और मुस्लमान ही मारा जा रहा है। जो लोग मार रहे हैं सरकार उनका खुलासा क्यों नहीं कर रही? पिछली सरकार (सपा सरकार) में थाने पर 500 रुपए घूस ली जाती थी, योगी सरकार में 5000 रुपए हो गई है। पहले सिलेंडर 340 रुपए का था, अब 800 रुपए का हो गया। इस महंगाई में गरीब इंसान कैसे जिएगा?

योगी सरकार ने राजभर को मंत्रिमंडल से किया था बर्खास्त 
यूपी में साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा, जिसमें उनके चार विधायक चुनाव जीते। राजभर को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में एसबीएसपी के एक भी कैंडिडेट को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया, जिससे इनकी इनके बीच तनाव बढ़ गया। लोकसभा चुनाव के बाद राजभर लगातार योगी सरकार के खिलाफ बयानबाजी करने लगे। पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर राजभर को योगी सरकार से बर्खास्त कर दिया गया।