सार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर प्रदेश के तकरीबन 30 लाख लोगों को सौगात दी है। मजदूर दिवस पर 30 लाख श्रमिकों के खाते में 1-1 हजार भेजा जा रहा है

लखनऊ(Uttar Pradesh).  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर प्रदेश के तकरीबन 30 लाख लोगों को सौगात दी है। मजदूर दिवस पर 30 लाख श्रमिकों के खाते में 1-1 हजार भेजा जा रहा है । उन्होंने कहा कि विकास में श्रमिकों का महत्वपूर्ण योगदान है। उनके श्रम को सम्मान देने के लिए ही प्रत्येक वर्ष एक मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस का आयोजन होता है। विकास में उनकी भूमिका के मद्देनजर उनको सम्मान और हर तरह की सुरक्षा देना हमारा फर्ज है।  

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ बैठक के बाद श्रमिकों और कामगारों को बड़ा उपहार दिया। आज एक साथ 30 लाख श्रमिकों को 300 करोड़ के भरण पोषण भत्ते का उपहार दिया गया। सीएम की तरफ से हर श्रमिक के खाते में एक एक हजार रूपये का भरण पोषण भत्ता प्रदान किया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी सरकार कामगारों और श्रमिकों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमने इससे पहले भी एक-एक हजार रुपया की धनराशि श्रमिक व कामगारों को प्रदान कराया है। आज मई दिवस पर हम एक बार फिर उनको आर्थिक सहायता दी गई है।

मजदूर दिवस पर किया गया श्रमिकों का सम्मान 
सीएम ने कहा कि इसी क्रम में आज मजदूर दिवस पर श्रमिकों का सम्मान करते हुए 30 लाख श्रमिकों को उनके भरण-पोषण के लिए एक-एक हजार रुपये उनके खाते में ट्रांसफर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण रुकी गतिविधियों से प्रभावित श्रमिकों के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। इससे पहले 24 मार्च को 5। 97 लाख निर्माण श्रमिकों के भरण-पोषण के लिए उनके खाते में हजार-हजार रुपया भेजा गया था। 30 अप्रैल 2020 को इस योजना के तहत 16। 08 लाख निर्माण श्रमिकों के खाते में एक-एक हजार की राशि का भुगतान हुआ है।

18 करोड़ लोगों को पोर्टेबिलिटी के माध्यम से खाद्यान्न  देने की योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 18 करोड़ लोगों को पोर्टेबिलिटी के माध्यम से खाद्यान्न उपलब्ध कराने की कार्य योजना को आगे बढ़ा रहे हैं। हमने अब तक 2 चरणों में 18-18 करोड़ लोगों को उत्तर प्रदेश के अंदर खाद्यान्न उपलब्ध कराया है। पहले चरण में उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए जो हमारे कामगार, श्रमिक, मनरेगा मजदूर और अन्य नागरिक थे, उनको खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया। दूसरे चरण में भारत सरकार की योजना के अंतर्गत निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया।  आज हम फिर से उत्तर प्रदेश के 18 करोड़ों नागरिकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की कार्रवाई प्रारंभ कर रहे हैं। इससे उत्तर प्रदेश का कोई श्रमिक कोई कामगार देश के अंदर किसी भी कोने में रहता है और उसके पास उसका राशन कार्ड नंबर है, तो वह वहां पर भी अपने कार्ड से वहां की कोटे की दुकान से खाद्यान्न ले सकता है।