सार

विश्वनाथ कॉरिडोर (Vishwanath Corridor) धाम जब से बनकर तैयार हुआ है, तब से काशी विश्वनाथ मंदिर में मंदिर की सुंदरता और बढ़ती जा रही है। मंदिर के दरबार के शिखर से लेकर उसकी चौखट तक का दृश्य देखते बन रहा है। बाबा विश्वनाथ के दरबार के गर्भगृह और बाहर की दीवारों को सोने से मढ़ दिया गया।

अनुज तिवारी
वाराणसी:
देश-विदेश में इस वक्त वाराणसी (Varanasi) ज्ञानवापी (Gyanvapi) जैसे मामले को लेकर खास चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी बीच लम्बे इंतजार के बाद काशी में बाबा विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) का दरबार अब स्वर्णमयी (Golden) हो गया है। बाबा विश्वनाथ के मंदिर के गर्भगृह से लेकर बाहर की दीवार पर सोने के परत चढ़ाने का काम पूरा हो गया है। विश्वनाथ कॉरिडोर (Vishwanath Corridor) धाम जब से बनकर तैयार हुआ है, तब से काशी विश्वनाथ मंदिर में मंदिर की सुंदरता और बढ़ती जा रही है। मंदिर के दरबार के शिखर से लेकर उसकी चौखट तक का दृश्य देखते बन रहा है। बाबा विश्वनाथ के दरबार के गर्भगृह और बाहर की दीवारों को सोने से मढ़ दिया गया। मगर, इतना सोना किसने दान किया, यह अबूझ पहेली बना हुआ है।

जानिए, कहां लगा है कितना सोना 
बाबा विश्वनाथ के मंदिर के गर्भगृह और बाहरी दीवार को 60 किलोग्राम सोने से मढ़ा गया है। चर्चाओं के अनुसार, 37 किलोग्राम सोना गर्भगृह में और 23 किलोग्राम सोना बाहरी दीवारों पर लगा है। सोना लगाने का काम दिल्ली की एक निजी कंपनी ने किया है। दानदाता का नाम पूछे जाने पर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि वह सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। मंदिर में कई श्रद्धालु गुप्तदान करते रहते हैं।

इसी माह हुई थी मंदिर के शिखर को स्वर्णमयी रूप देने की शुरुआत
आपको बताते चलें कि जून के शुरूआती दिनों में ही श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की बाहरी दीवारों को स्वर्णमयी रूप देने का काम शुरू हो गया था। उस वक्त कहा गया था कि 10 दिन के भीतर गर्भगृह की बाहरी दीवारें भी स्वर्णमंडित हो जाएंगी। लेकिन तय समय से पहले ही मंदिर की बाहरी दीवारों पर शिखर से चौखट तक को भी सोने का पत्तर चढा दिया गया है। इसी के साथ आपको बता दें कि मंदिर का काम शुरू होने के समय ही मंदिर प्रशासन ने बताया था कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के स्वर्ण शिखर से नीचे मंदिर के द्वार तक सोने के पत्तर लगाने में 24-28 क्विंटल सोना लगेगा।