सार
पुलिस के मुताबिक हिंसा के लिए पीएफआइ और एसडीपीआइ ने फंडिंग की है। पुलिस ने इन संगठनों के सभी सदस्यों के खातों की डिटेल मांगी है। जेल गए दोनों संगठनों के सदस्यों के बारे में भी पुलिस की टीमें पड़ताल कर रही है। बाकी आरोपियों की धरपकड़ को टीमें लगी हुई है।
मेरठ (Uttar Pradesh) । केरल के चरमपंथी इस्लामी संगठन पीएफआइ (पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) ने सीएए के विरोध में किए गए हिंसा के ठीक पहले चार खातों से तीन करोड़ रुपए भेजा था। मेरठ में भी 12 खातों में रिहैबिलिटेशन इंडिया एनजीओ के माध्यम से ये फंडिंग की गई। पुलिस ने पीएफआइ और एसडीपीआइ के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। साथ ही उनके खातों की पड़ताल शुरू कर दी है। बता दें कि इस हिंसा में छह लोगों की मौत हुई थी।
पुलिस ने मांगी है बैंक खातों की डिटेल्स
एक समाचार पत्र के मुताबिक आईजी प्रवीण कुमार ने कहा कि हिंसा के लिए पीएफआइ और एसडीपीआइ ने फंडिंग की है। पुलिस ने उक्त संगठनों के सभी सदस्यों के खातों की डिटेल मांगी है। जेल गए दोनों संगठनों के सदस्यों के बारे में भी पुलिस की टीमें पड़ताल कर रही है। बाकी आरोपियों की धरपकड़ को टीमें लगी हुई है।
मेरठ में छह लोगों की हुई थी मौत
20 दिसंबर को सीएए के विरोध में हुई हिंसा के दौरान मेरठ में छह लोगों की मौत हो गई थी। तीन पुलिसकर्मी भी उपद्रवियों की गोली लगने से घायल हो गए। 40 रिक्रूट और पुलिसकर्मियों को भी बंधक बनाकर फूंकने की कोशिश की गई थी। पुलिस ने 24 मुकदमे दर्ज कर 180 नामजद और पांच हजार अज्ञात को आरोपित बनाया है, इसमें से पुलिस 50 से ज्यादा उपद्रवियों को जेल भेज चुकी है। साथ ही हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में 18 याचिकाएं डाली गई है, जिनका जवाब पुलिस तैयार कर रही है।
प्रदेश भर से 19 लोग गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक मेरठ हिंसा में एसडीपीआइ और पीएफआइ ने भी अहम भूमिका निभाई है। पूरे प्रदेश में इन संगठनों के 19 लोग जेल गए हैं। इनमें मेरठ पुलिस ने इन दोनों संगठनों के आठ लोगों को जेल भेजा है। उनके पास से आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की गई।
(प्रतीकात्मक फोटो)