सार
यूपी के जिले रायबरेली के बछरावां कस्बे में बेटियों ने समाज के लिए फिर मिसाल कायम की है। मां के निधन पर बेटे का फर्ज निभाते हुए बेटियों ने मां की अर्थी को कंधा दिया। इसके अलावा मां की चिता को मुखाग्नि भी दी।
रायबरेली: उत्तर प्रदेश के जिले रायबरेली से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसे सुनकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। एक बार फिर बेटियों ने बेटों की कमी को पूरा करते हुए समाज के लिए मिसाल कायम की है। समाज में काफी पहले से ऐसी प्रथा चली आ रही है कि चिता को अग्नि सिर्फ बेटों के द्वारा दी जाती है। इस वजह से हर जगह माता-पिता की मौत पर उनके बेटे ही अग्नि देते है पर बेटियां नहीं लेकिन राज्य के रायबरेली जिले की रहने वाली बेटियों ने इस प्रथा को तोड़ते हुए एक मिसाल पेश की है।
एक बेटी की हुई शादी तो दूसरी कर रही टीईटी की तैयारी
जानकारी के अनुसार यह मामला बछरावां कस्बे का है। यहां के सत्य नारायण टोला निवासी गिरजाशंकर वर्मा व्यवसायी हैं। उनकी दो बेटियां प्राची व रुचि हैं और कोई बेटा नहीं है। वहीं प्राची की शादी हो चुकी है और रुचि बीटीसी करने के बाद टीईटी की तैयारी कर रही हैं। इसके अलावा उनके परिवार में उनकी पत्नी ज्ञानवती (65) थी लेकिन गुरुवार की रात बीमारी के चलते निधन हो गया था। जिसके बाद पूरा परिवार गम में डूब गया। दोनों बेटियां पिता का सहारा बन रही है और उनका पूरा ख्याल रखेगी।
पिता को कभी बेटों की कमी नहीं होने देंगी महसूस
दरअसल मां के निधन के बाद गम में डूबी बेटियों ने खुद आगे आकर बेटे का फर्ज निभाते हुए मां की अर्थी को कंधा दिया। इसके साथ ही श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की सभी क्रियाओं को भी पूरा किया। इतना ही नहीं दोनों बहनों ने मां की चिता को मुखाग्नि भी दी। वहीं दूसरी ओर गम में डूबे पता को दोनों ने ढांढस बंधाते हुए कहा कि दोनों बहने उन्हें बेटे की कमी कभी भी महसूस नहीं होने देंगी। सत्य नारायण की छोटी बेटी रुचि ने बेटे की भांति मां के अंतिम संस्कार कर पूरे समाज के सामने मिसाल पेश कर दी है। बेटियों के द्वारा उठाए गए इस कदम की लोगों ने सराहना भी कर रहे हैं।
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