सार
शवदाह करने वाले लोगों के भागने से पहले ही महिला के शव को चिता पर रख दिया गया था। ऐसे में इनके भागने के बाद काफी देर तक शव चिता पर ही पड़ा रहा। अंत में पुलिस को मौके पर आना पड़ा। लगभग एक घंटे की लंबी इंतजार मृत्यु से संबंधित कागजात चेक कर शवदाह करने वालों को समझाया गया, जिसके बाद वे मान गए।
वाराणसी (Uttar Pradesh) । मणिकर्णिका घाट पर कुछ जवान सेना की वर्दी में एक महिला के शव को लेकर पहुंचे थे। महिला का शव पूरी तरह से कपड़े से ढका हुआ था। वहीं, परिजन से लेकर अन्य लोग पीपीई किट पहने हुए थे। घाट पर कोरोना वायरस संक्रमित शव होने की अफवाह फैल गई। ऐसे में शवदाह करने वाले लोगों ने महिला का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और मौके से भाग गए। हालांकि एक घंटे बाद पुलिस के समझाने-बुझाने पर मानें और शव का अंतिम संस्कार किया।
यह है पूरा मामला
वाराणसी कैंटोनमेंट क्षेत्र स्थित 39 जीटीसी में हवलदार सचिन थापा की बहन तारा देवी की मौत हो गई थी। चौक थाना के इंचार्ज राकेश सिंह के मुताबिक तारा देवी को खून की उल्टियों की शिकायत थी, जिसे बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां ब्रेन हेमरेज होने की वजह से मौत हो गई।
इस तरह पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार
शवदाह करने वाले लोगों के भागने से पहले ही महिला के शव को चिता पर रख दिया गया था। ऐसे में इनके भागने के बाद काफी देर तक शव चिता पर ही पड़ा रहा। अंत में पुलिस को मौके पर आना पड़ा। लगभग एक घंटे की लंबी इंतजार मृत्यु से संबंधित कागजात चेक कर शवदाह करने वालों को समझाया गया, जिसके बाद वे मान गए। इसके बाद अंतिम संस्कार किया गया।