सार
उत्तर प्रदेश के सराकरी अस्पतालों में सेवानिवृत्त होने वाले डॉक्टर्स की दोबारा तैनाती के लिए आवेदन मांगे गाए थे। इसके लिए 198 डॉक्टर आगे बढ़कर आवेदन किया है। दोबारा तैनाती के लिए आवेदन स्वास्थ्य महानिदेशालय ने 62 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो गए है उन्हीं के लिए यह आवेदन मांगे गए थे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सेवानिवृत्त होने वाले डॉक्टर्स की दोबारा तैनाती होगी। इसके लिए राज्य में 17 व 18 अप्रैल को काउंसलिंग होगी। काउंसलिंग के बाद डॉक्टरों को अस्पताल आवंटित किए जाएंगे। डॉक्टरों को अस्पताल आंवटन के बाद उनके अंतिम वेतन से पेशन की रकम कम करके मानदेय दिया जाएगा। उसके बाद 17 व 18 अप्रैल में ही डॉक्टर्स को अस्पताल आवंटित हो जाएंगे।
62 साल की उम्र में सेवानिवृत्त वाले डॉक्टर
राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला जनता के हित में लिया है ताकि लोगों को बेहतर इलाज दिया जा सके। दरअसल स्वास्थ्य महानिदेशालय ने 62 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने वाले डॉक्टरों को दोबारा तैनाती के लिए आवेदन मांगे थे। स्वास्थ्य महानिदेशालय के आवेदन मांगे जाने के बाद 198 डॉक्टरों ने आवेदन किया। इनमें से 100 डॉक्टरों को 17 अप्रैल और बाकी बचे हुए डॉक्टरों को 18 अप्रैल को अस्पताल आवंटित कर दिए जाएंगे।
स्वास्थ्य महानिदेशालय ने मांगे थे आवेदन
स्वास्थ्य महानिदेशालय ने 62 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने वाले डॉक्टरों को दोबारा तैनाती के लिए आवेदन मांगे थे। इसके लिए 198 डॉक्टरों ने आवेदन किया है। इनमें से 100 डॉक्टरों को 17 अप्रैल एवं अन्य को 18 अप्रैल को अस्पताल आवंटित किए जाएंगे। उसके बाद अस्पतालों के आवंटन के हिसाब से अपने कार्य को आगे बढ़ाएंगे।
दोबारा तैनाती में लिखना होगा शपथ पत्र
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. वेदब्रत सिंह ने बताया है कि डॉक्टरों का चयन करते समय कई बातों का ध्यान रखा गया है जैसे- उनकी विशिष्ट योग्यता साथ ही अपने काम को लेकर उनमें गंभीरता कितनी है। उन्होंने यह भी बताया कि पहली प्राथमिकता रेडियोलॉजिस्ट, दूसरी एनेस्थेटिस्ट (बेहोशी) और फिर महिला रोग विशेषज्ञ का चयन होगा। इसी प्रकार अन्य मानक भी तय किए गए हैं। सबसे खास बात दोबारा तैनाती होने वाले डॉक्टरों के लिए यह की गई है कि प्राइवेट प्रैक्टिस न करने और बाहर से दवा न लिखने का शपथ पत्र भी देना होगा।
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