सार

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को देशवासियों को जनता कर्फ्यू की अपील की थी। पीएम ने लोगों से इस दिन अपने घरों से बाहर न जाने की अपील की थी। इसी के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस वार्ता कर प्रदेश वासियों से जनता कर्फ्यू को सफल बनाने की अपील की है।

लखनऊ(Uttar Pradesh ). उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने आदेश जारी किया है कि रविवार 22 मार्च को सुबह 7 से रात 9 बजे तक पूरे प्रदेश में रोडवेज बसें नहीं चलेंगी। पीएम नरेंद्र मोदी के जनता कर्फ्यू के आह्वाहन के बाद ऐसा किया गया है। परिवहन विभाग ने ये फैसला CM योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद लिया है। यही नहीं जनता कर्फ्यू के दौरान लखनऊ मेट्रो सेवा भी बंद रहेगी। CM योगी ने भी जनता से अपील की है कि रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान अनावश्यक तौर पर बाजार में न जाएं। उन्होंने कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में लोगों से मदद की अपील की है। 

बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को देशवासियों को जनता कर्फ्यू की अपील की थी। पीएम ने लोगों से इस दिन अपने घरों से बाहर न जाने की अपील की थी। इसी के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस वार्ता कर प्रदेश वासियों से जनता कर्फ्यू को सफल बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा है, सरकार के पास पर्याप्त मात्रा दवाएं और खाद्यान मौजूद हैं। किसी भी चीज की किल्लत बाजार में नहीं होगी। सभी को सब सामान मिलेगा, दुकानों पर लाइन कतई न लगाएं, अनावश्यक बाजार में मत जाएं, जमाखोरी बिल्कुल न करें। 

जनता कर्फ्यू के दिन पेट्रोल पम्प भी रहेंगे बंद 
जनता कर्फ्यू को लेकर यूपी पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने भी ऐलान किया है कि जनता कर्फ्यू के समय प्रदेश भर के पेट्रोल पंप बंद रहेंगे।  22 मार्च को सुबह 7 से रात 9 बजे तक पेट्रोल पंप बंद रहेंगे।  सिर्फ इमरजेंसी सेवाओ से जुड़े लोगों को ही पेट्रोल-डीजल मिलेगा। 

निचली अदालतें भी 28 मार्च तक के लिए बंद 
उत्तर प्रदेश के सभी निचली अदालतों को 28 मार्च तक के लिए बंद करने के आदेश जारी हो गए हैं। इसमें कहा गया है जिला जज को यदि कोई केस अति महत्वपूर्ण लगे तो ही उसकी सुनवाई करवाएं बाकी बेल उन्हीं की सुनी जाएगी जो जेल में हैं। आदेश में कहा गया है कि जितने दिन इधर बंद करना पड़ रहा है, उतने दिन गर्मी की छुट्टियों में कोर्ट खोल कर काम किया जाएगा। इसमें निचली अदालत में जिला और सत्र न्यायालय, सभी ट्रिब्यूनल और सभी प्रकार की कोर्ट शामिल हैं।