सार
समाजवादी पार्टी ने आखिरकार शनिवार 22 जनवरी 2022 को इस बात का आधिकारिक ऐलान कर दिया कि अखिलेश यादव करहल सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। इस दौरान जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर उन्हें पुष्पांजलि भी अर्पित की गई।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने शनिवार 22 जनवरी 2022 को आधिकारिक ऐलान किया कि अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव लड़ेंगे। आपको बता दें कि इस सीट से ही अखिलेश के चुनाव लड़ने के कयास कई दिनों से लग रहे थे। जिस पर पार्टी के नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई थी। हालांकि शनिवार को पार्टी ने आधिकारिक रूप से इसका ऐलान किया। इसके बाद जनेश्वर मिश्रा की पुण्यतिथि पर उन्हें कार्यालय में नेताओं ने पुष्पाजंलि दी। इस दौरान समाजवादी पार्टी में पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन, पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन व सण्डीला से रीता सिंह शामिल हुईं।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार 22 जनवरी 2022 को प्रेसवार्ता को संबोधित किया। अखिलेश यादव ने कहा कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर सिर्फ IT सेक्टर में ही 22 लाख नौजवानों को नौकरियां दी जाएंगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि सपा सरकार आने पर छात्रों को लैपटॉप मिलेगा। गांव-गांव में समाजवादी पार्टी का लैपटॉप दिखाई देगा। हमारा लैपटॉप रोजगार के भी काम आएगा। हम लोग यूपी में 300 यूनिट फ्री बिजली देंगे। अखिलेश ने कहा कि एक-एक लैपटॉप की अपनी एक कहानी है। इससे परिवार के हर सदस्य को मदद मिली है। लॉकडाउन में भी लोगों को लैपटॉप का फायदा मिला।
सपा के प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात
करहल से चुनाव लड़ने के लिए सपा के जिला संगठन ने पार्टी अध्यक्ष को प्रस्ताव भेजा था। इसी के साथ प्रतिनिधिमंडल ने भी गुरुवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात की थी। प्रतिनिधि मंडल ने मांग की थी कि राष्ट्रीय अध्यक्ष करहल सीट से ही कार्यकर्ताओं की भावनाओं का आदर करते हुए चुनाव लड़ें। सपा के जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात की थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष के कहा था कि मैनपुरी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की कार्मभूमि है। वह भी मैनपुरी से जीतकर ही वह देश के रक्षामंत्री तक बने हैं।
विरासत सहेजने और समीकरण साधने के लिए फैसला
अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने के लिए करहल विधानसभा सीट को सबसे ज्यादा मुफीद माना जा रहा है। यहां पहले सैफई परिवार के सदस्य पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव के चुनाव लड़ने के कयास भी लगते रहे हैं। इस सीट पर सजातीय यादव मतदाता सर्वाधिक है।
2007 से लगातार जीतती रही है सपा
करहल सीट की बात की जाए तो यहां 2007 से लगातार जीत हासिल करती रही है। 2017 में मोदी-योगी लहर के बावजूद सपा प्रत्याशी सोबरन सिंह ने 50 फीसदी वोटों पर अपना कब्जा जमाया था। करहल विधानसभा सैफई के करीब है। यहां सपा मुखिया के परिवार का भी काफी प्रभाव रहा है। तीन बार से यहां सपा के सोबरन यादव विधायक है। कहा जाता है कि उनके सिर पर मुलायम सिंह यादव का हाथ है। 2017 के चुनाव में सोबरन सिंह यादव ने 104221 वोट पाकर भाजपा के राम शाक्य को 38405 वोट से करारी शिकस्त दी थी।
2017 में 49.57 फीसदी मिले थे सोबरन सिंह यादव को वोट
2017 के चुनाव में सपा प्रत्याशी सोबरन सिंह यादव ने यहां जीत हासिल की थी। सोबरन सिंह यादव को 104221 यानी की कुल 49.57 फीसदी वोट मिले थे। जबकि बीजेपी के राम शाक्य को 65816 यानी 31.31 फीसदी वोट मिले थे। वहीं बसपा से दलवीर को 14.12 फीसदी यानी 29676 फीसदी वोट मिले थे।
2012 में भी 46.9 फीसदी मिले थे सपा को वोट
2012 के चुनाव में भी सपा प्रत्याशी सोबरन सिंह यादव ने यहां से जीत दर्ज की थी। उन्हें 92536 यानी 46.9 फीसदी वोट मिले थे। जबिक बीएसपी के जयवीर सिंह को 61593 यानी 31.22 फीसदी वोट मिले थे। वहीं बीजेपी के अनिल यादव को उस दौरान 13114 यानी 6.65 फीसदी वोट मिले थे।