सार

अमरोहा के हसनपुर से समाजवादी पार्टी ने मुखिया गुर्जर को टिकट दिया है। मुखिया गुर्जर ने हाल ही में बीजेपी को छोड़कर 14 साल बाद सपा में वापसी की है। उनके खिलाफ फिर से कोरोना गाइडलाइंस और आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। 

अमरोहा: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Election) के लिए इन दिनों प्रचार अभियान जोरों पर है और नेताओं की बयानबाजी भी लगातार हो रही है। अमरोहा (Amroha) पुलिस ने हसनपुर विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी मुखिया गुर्जर के खिलाफ फिर से कोरोना गाइडलाइंस और आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। मुखिया गुर्जर को सपा ने करीब 14 साल बाद अमरोहा के हसनपुर से प्रत्याशी घोषित किया गया है। 

बता दे कि 25 जनवरी की शाम को सपा प्रत्याशी ने 90-100 समर्थकों के साथ बैठक की थी। जिसमें सपा प्रत्याशी और मौजूदा विधायक महेंद्र खड़गवंशी समेत प्रशासन को आडे़ हाथों लेते हुए कहा था कि 'ये जो तुम्हारा विधायक है ना, इसने जो भी भ्रष्टाचार करके रकम जुटाई है वो मैं लूट कर जल्दी ही आप लोगों में बाटूंगा।' इसके साथ ही प्रशासन की भी ऐसी की तैसी करने जैसी बात कही थी। जिसके बाद सपा प्रत्याशी का वीडियो तेजी से वायरल होने लगा। आज अमरोहा पुलिस ने सपा प्रत्याशी समेत 3 लोगों को नामजद करते हुए तकरीबन 100 समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

आपको बता दे कि कुछ दिन पहले भी समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले मुखिया गुर्जर का एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उस वीडियो में उन्होंने कहा था कि 'मैंने राजनीति में वर्कशॉप खोल रखी है, मौजूदा विधायक जैसे लोगों की डेंटिंग पेंटिंग ठीक करने का मेरे पास हुनर है। मैं मुलायम सिंह यादव का कट्टर शिष्य हूं। मैंने भाजपा में रहते हुए भी अपने गुरु मुलायम सिंह की तस्वीर नहीं उतारी यहां से।' इस वीडियो में मुखिया गुर्जर ने यह भी बताया कि वह 16 बार जेल भी जा चुके हैं। वो अपनी बयानबाजी की वजह से पहले भी सुर्खियों में रह चुके।