सार
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा के वोटबैंक में सेंधमारी के लिए समाजवादी पार्टी ने खास रणनीति बनाई है। समाजवादी ने इस रणनीति के तहत बहुजन समाज पार्टी के धुरंधरों पर ही इस चुनाव में दांव लगाया है। बसपा और अन्य दलों से किनारा कर सपा में उन नेताओं को टिकट दिया गया है जो अपने क्षेत्र में दलित वोटबैंक पर अच्छी पकड़ रखते हैं। कई ऐसे प्रत्याशी है जो पूर्व में भी चुनाव लड़ चुके हैं और जीत भी दर्ज कर चुके हैं।
गौरव शुक्ला
लखनऊ: बसपा का वोट बैंक माने जाने वाले दलित मतदाताओं में सेंधमारी के लिए समाजवादी पार्टी ने नया दांव खेला है। सोमवार को समाजवादी पार्टी की ओर से जो सूची जारी हुई उसमें यह दांव सामने आया है। पार्टी ने कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की सुरक्षित सीटों पर जिन्हें प्रत्याशी बनाया है उसमें से ज्यादातर बसपा के ही धुरंधर नेता हैं।
बसपा के यह नेता चुनाव से पहले दल-बदलकर सपा के साथ आ गए हैं। सपा चुनाव में इन नेताओं को बतौर उम्मीदवार मैदान में उतारकर दलित वोटों के ध्रुवीकरण का प्लान बना रही है। इसके जरिए ही समाजवादी पार्टी यूपी चुनाव 2022 में बसपा और भाजपा को झटका देना चाहती है। ज्ञात हो कि पार्टी के अंदर बीते कई दिनों से प्रत्याशियों की सूची को लेकर भी उठापटक मची हुई थी। हालांकि इसे रणनीति का हिस्सा ही माना जा रहा है।
दलित मतदाताओं के बीच है ठीक-ठीक रुतबा
समाजवादी पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई नेताओं को अपने पक्ष में कर पिछड़ी जातियों में पैठ बनाने के लिए जो चाल चली थी, उसी तरह अब दलित वोटरों को भी रिझाने के लिए इन प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा गया है। पार्टी ने जिन बसपा नेताओं को टिकट दिया है उनका ठीक-ठाक रुतबा दलित मतदाताओं के बीच माना जाता है। हालांकि समाजवादी पार्टी का यह दांव कितना कामयाब होगा इसका पता तो 10 मार्च को नतीजों के सामने आने के बाद ही पता लगेगा।
बसपा से आए इन नेताओं को उतारा गया चुनावी मैदान में
समाजवादी पार्टी ने यूपी चुनाव में कई ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जो पूर्व में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। इसमें से कई तो चुनाव में जीत भी दर्ज कर चुके हैं। आइए इन नामों पर एक नजर डालते हैं।
सर्वेश अंबेडकर
सपा ने फर्रुखाबाद की कायमगंज सुरक्षित सीट से सर्वेश अंबेडकर को प्रत्याशी बनाया है। सर्वेश पहले कन्नौज-फर्रुखाबाद के संयुक्त जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी भी कन्नौज से बसपा शासनकाल में जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं।
राघवेंद्र कुमार सिंह
राघवेंद्र कुमार सिंह इटावा की भरथना सीट से प्रत्याशी बनाए गए हैं। राघवेंद्र बसपा जिलाध्यक्ष और जोनल कोऑर्डिनेटर रह चुके हैं।
कमलेश दिवाकर
कानपुर देहात की रसूलाबाद सीट से कमलेश दिवाकर को उतारा गया है। 2007 में बसपा की लहर के दौरान कमलेश दिवाकर विधायक बने थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें 2012 और 2017 के चुनाव में भी बसपा से प्रत्याशी बनाया था।
तिलकचंद्र अहिरवार
ललितपुर की मऊरानीपुर सीट से तिलकचंद्र अहिरवार को चुनाव में उतारा गया है। वह बसपा के बुंदेलखंड का चेहरा माने जाते हैं। वह बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।
दद्दू प्रसाद
बसपा शासनकाल में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे दद्दू प्रसाद भी यूपी चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी के साथ हैं। समाजवादी पार्टी ने दद्दू प्रसाद को प्रत्याशी घोषित किया है। दद्दू प्रसाद को बांदा की नरैनी सीट से प्रत्याशी घोषित किया गया है।
भगवती सागर
घाटमपुर से पार्टी ने भाजपा के विधायक रहे भगवती सागर को इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया है। भगवती सागर भी बसपा के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। वह मायावती शासनकाल में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
आरपी कुशवाहा
कानपुर देहात में रनियां से बसपा टिकट पर विधायक रहे आरपी कुशवाहा को भी सपा ने मैदान में उतारा है। कुशवाहा वर्ष 2012 और 2017 में विधानसभा चुनाव में बिठूर से बसपा प्रत्याशी रहें।