सार

शामली (Uttar Pradesh). यूपी के शामली में जब भजन गायक, उनकी पत्नी और बेटी की शव यात्रा निकली तो सभी आंखे छलक उठी। एक साथ उठी तीन अर्थियां देख परिजनों के अलावा आसपड़ोस के लोग भी रो दिए। अर्थी को कंधा देने के लिए भी लोगों की भीड़ उमड़ी थी। बता दें, एक जनवरी यानी बुधवार को तड़के करीब 4 बजे भजन गायक अजय पाठक, पत्नी स्नेहा, बेटी वसुंधरा और बेटे भागवत की हत्या कर दी गई थी।

शामली (Uttar Pradesh). यूपी के शामली में जब भजन गायक, उनकी पत्नी और बेटी की शव यात्रा निकली तो सभी आंखे छलक उठी। एक साथ उठी तीन अर्थियां देख परिजनों के अलावा आसपड़ोस के लोग भी रो दिए। अर्थी को कंधा देने के लिए भी लोगों की भीड़ उमड़ी थी। बता दें, एक जनवरी यानी बुधवार को तड़के करीब 4 बजे भजन गायक अजय पाठक, पत्नी स्नेहा, बेटी वसुंधरा और बेटे भागवत की हत्या कर दी गई थी।

एक ही चिता पर जलाए गए पति पत्नी
भागवत के शव को पोस्टमार्टम व डीएनए आदि के लिए रोहतक भेजा गया है। जिसके बाद परिजनों ने भजन गायक, पत्नी और बेटी का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया। रेलवे लाइन के पास टंकी रोड स्थित श्मशान घाट में एक चिता पर पति-पत्नी और दूसरी पर बेटी की चिता एक साथ जली। अजय के भतीजे रवि पाठक ने दोनों चिताओं को मुखाग्नि दी।

क्या है पूरा मामला 
घटना आदर्श मंडी थानाक्षेत्र के सिटी एरिया के पॉश इलाके पंजाबी कॉलोनी की है। यहां रहने वाले इंटरनेशनल भजन गायक अजय पाठक, पत्नी स्नेहा, बेटी वसुंधरा और बेटे भागवत की बुधवार तड़के हत्या कर दी गई थी। 
पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए हत्यारोपी हिमांशु सैनी को हरियाणा के पानीपत से गिरफ्तार कर लिया है। वह झारखेडी थाना कैराना का रहने वाला है। 

क्यों दिया हत्याकांड को अंजाम
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में हिमांशु ने कहा, करीब 2 ढाई साल से मैं अजय पाठक की भजन मंडली में काम कर रहा था। इस वजह से उनके घर आना-जाना लगा रहता था। कभी कभी रात में उन्हीं के घर पर रुक जाया करता था। मैंने अजय को छोटी-छोटी धनराशि के रूप में करीब 60 हजार रुपए उधार दे रखे थे।  वापस मांगने पर पैसा नहीं दे रहे थे। बार-बार बोलने पर अपमानित भी करते थे। 30 दिसबंर की रात भी मैंने पैसे की मांग की, तो अजय ने अपशब्द कहते हुए डांट दिया। इससे क्षुब्ध होकर मैं उन्हीं के घर पर रुक गया। रात 3 बजे के बााद घर में रखी तलवार से पूरे परिवार का नरसंहार कर दिया। बता दें, पुलिस ने आरोपी के पास से हत्या में इस्तेमाल तलवार, तीन मोबाइल और खून से लथपथ कपड़े बरामद कर लिया है।

ऐसे दिया हत्याकांड को अंजाम 
हिमांशु ने पूछताछ में कहा, मुझे पता चला था कि 31 दिसंबर की सुबह अजय परिवार के साथ करनाल जाने वाले हैं। इसलिए उससे पहले ही साजिश को अंजाम देने का मन बनाया। खाना खाने के बाद सभी सोने चले गए। रात करीब 3 बजे के बाद मैं उठा। पहली मंजिल पर बने कमरे में गया और वहां रखी तलवार से अजय पर कई वार कर उसकी हत्या कर दी। इस दौरान दवाई खाकर सो रही उनकी पत्नी स्नेहा जग गई। जिसके बाद मैंने उसे भी तलवार से मौत के घट उतार दिया। दोनों की हत्या के बाद मुझे शक था कि कहीं बच्चे मेरी पोल न खोल दें। इसी डर से मैं तुरंत दूसरे कमरे में सो रही वसुंधरा के पास गया और उसे भी तलवार से मार डाला। इस बीच बेटा भागवत जग गया। जिसपर मैंने उसे गला दबाकर मार दिया। इसके बाद चारों शवों को कहीं ले जाकर ठिकाने लगाने की सोचा। 

ग्राउंड फ्लोर पर लेकर आया था बच्चों का शव
हिमांशु ने कहा, मैं एक एक कर शवों को ठिकाने लगाने के लिए ले जाने लगा। पहले भागवत को अजय की ईको स्पोर्ट कार में लादा और घर के बाहर ताला लगा ठिकाने लगाने निकल गया। लेकिन पुलिस को जानकारी हो जाने के कारण मैं डर गया। पकड़े जाने की डर से साक्ष्य मिटाने के लिए पानीपत टोल प्लाजा के पास ईको स्पोर्स्ट में पेट्रोल डालकर आग लगा दी, जिससे भागवत का शव आधा जल गया था। सभी को ठिकाने लगाने के बाद मैंने अजय की तिजोरी पर हाथ साफ करने का प्लान बनाया था।