सार

अपने दो दिन के अमेठी दौरे के दूसरे दिन केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरूवार को कई योजनाओं की शुरुआत की।

अमेठी (उत्तर प्रदेश ). अपने दो दिन के अमेठी दौरे के दूसरे दिन केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरूवार को कई योजनाओं की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने नवोदय विद्यालय में आशा सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा बीजेपी सरकार में ही किसानो का सबसे ज्यादा सम्मान हुआ है। देश में किसान सम्मान योजना के तहत लगभग छह करोड़ से अधिक किसानों को फायदा पहुंचा है और इस पर सरकार ने आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट खर्च किया है। उन्होंने आशा बहुओं का सम्मान करते हुए कहा कि सरकार की तमाम मातृत्व योजनाओं को घर घर तक पहुंचाने का जो काम आशा बहुओं ने किया है वह बेहद सराहनीय है। 

आशा बहुओं को दिया नया नाम कहा, हर घर में जा कर मां व उसके बच्चे की देखभाल करती हैं आशा 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आशा बहुओं तारीफ़ करते हुए कहा कि आशा गांव-गांव जा कर हर मां की देखभाल करती हैं, बच्चे के पालन पोषण में मदद करती हैं इसलिए मैं आज अमेठी में आशा को "यशोदा" नाम देती हूँ। उन्होंने आगे भी आशा बहुओं के हित में कल्याणकारी योजनाओं को चलाने का आश्वासन दिया।  100 दिन के रिपोर्ट कार्ड की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक देश में 10 करोड़ परिवारों को फायदा पहुंचा है और अब तक 40 लाख लोग इसका लाभ उठा चुके हैं।

अमेठी में किचन गार्डन योजना की शुरुआत

अमेठी में गुरूवार को किचन गार्डन योजना की शुरुआत करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इसके तहत प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय को 15 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। इससे वहां पर सुंदरीकरण सहित अन्य कार्य होंगे। अमेठी में इस योजना के तहत 668 विद्यालयों को 95 लाख 70 हजार रुपये आवंटित किए गए हैं। 

100 दिन में 210 सड़कों का निर्माण 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पिछले 100 दिनों में उन्होंने 225 करोड़ की लागत से 210 सड़कों के निर्माण और अन्य योजनाओं की शुरुआत की है। 550 करोड़ की लागत से अमेठी में रेलवे लाइनों का दोहरीकरण, विद्युतीकरण व स्टेशनों का सुंदरीकरण किया जा रहा है और इस तरह पिछले 100 दिनों में अमेठी में 800 करोड़ रुपए का विकास किया गया है। उन्होंने बताया कि अमेठी में कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना हो रही है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक हर गांव के विद्यालयों में जाकर लोगों को उन्नत किस्म के बीजों की जानकारी देंगे।