सार
एसपी नार्थ अरविंद कुमार पाण्डेय ने कहा है कि कांस्टेबल वीरेंद्र कुमार और रामजीत चौधरी को पुरस्कृत किया जाएगा। एसडीएम से बात करने के बाद युवक को शेल्टर होम या क्वारंटाइन करने के लिए भेजा जाएगा। चेकअप के बाद घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी
गोरखपुर (Uttar Pradesh) । किसी तरह 1794 किमी का सफर तय कर युवक घर आ रहा था। घर के करीब आने पर पत्नी से मोबाइल पर बात करने लगा तो उसने (पत्नी) ने कोरोना घर मत लाने की बात कह दी, जिसे लेकर पति-पत्नी में विवाद हो गया। अभी दोनों की बात पूरी होती की पति की मोबाइल का बैलेंस खत्म हो गया। सुबह होने पर पति घर की ओर न जाकर नौसढ़ चौराहे पर एक तीन मंजिला मकान की रेलिंग से लटककर फांसी लगाने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने सतर्कता व सूझबूझ दिखाते हुए उसकी जान बचा ली। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें पुलिस रेलिंग से लटक रहे युवक को ऊपर खींचती दिख रही है।
यह है पूरा मामला
बिहार के सिवान के चैनपुर छितौनी का रहने वाला दीपक पटेल उर्फ दीपू पुणे में बिल्डिंग निर्माण में करता है। लेकिन, लॉकडाउन के चलते काम छिन गया तो वह 1794 किमी दूर अपने घर के लिए सफर पर निकल पड़ा। कभी ट्रक से कभी पैदल उसे चलना पड़ा। मंगलवार रात दीपक 1655 किमी सफर तय कर गोरखपुर के नौसढ़ पहुंचा। उसके साथ कुछ और लोग भी थे। सभी बस स्टेशन पर आराम करने लगे। रात में उसकी पत्नी से बात हुई। इस दौरान घर लौटने की बात को लेकर विवाद हो गया। तभी, फोन पर बात करते करते बैलेंस खत्म हो गया। इसके बाद सुबह साढ़े पांच के आसपास दीपक बस अड्डे के सामने स्थित राम चंद्र गुप्ता के मकान की तीसरी मंजिल पर चढ़ गया और गमछे से फांसी का फंदा बनाकर रेलिंग से लटक गया।
ऐसे बचाई दो सिपाहियों ने जान
शराबा होने पर चौराहे पर मौजूद पुलिस नौसढ़ चौकी के पुलिसकर्मियों ने युवक को समझाने की कोशिश की। लेकिन, वह नहीं माना। बार-बार मोबाइल फोन की मांग करता रहा। जब युवक बात नहीं माना तो चौकी प्रभारी भूपेंद्र तिवारी के नेतृत्व में कॉन्स्टेबल वीरेंद्र कुमार और कॉन्स्टेबल रामजीत चौधरी ने रामचंद्र गुप्ता के बगल में रहने वाले राजेंद्र गुप्ता के बगल के मकान की छत से दूसरी छत पर पहुंचकर गमछे से सड़क की ओर लटके युवक को जान पर खेलकर बचा लिया।
सिपाहियों को किया जाएगा पुरस्कृत
एसपी नार्थ अरविंद कुमार पाण्डेय ने बताया कि कांस्टेबल वीरेंद्र कुमार और रामजीत चौधरी को पुरस्कृत किया जाएगा। एसडीएम से बात करने के बाद युवक को शेल्टर होम या क्वारंटाइन करने के लिए भेजा जाएगा। चेकअप के बाद घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी