सार


उसराहार थाने में नंगला गंगे गांव के हर नारायण प्रजापति ने मां विद्यावती के 28 नवंबर की रात से लापता होने की सूचना छह दिसंबर को दर्ज कराई थी। इस बीच गांव में तरह-तरह की चर्चाएं सुनने के बाद थानाध्यक्ष ने हरनारायण को बुलाकर पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। उसपर शक होने के कारण पुलिस लगातार नजर बनाए रही।

इटावा (उत्तर प्रदेश) । जमीन के टुकड़े की खातिर हैवान बने बेटे ने अपनी ही मां को मौत के घाट उतार दिया। 18वें दिन जब सच सामने आया तो गांव वालों के पांव तले से जमीन खिसक गई। आरोपी बेटे ने मां को अपनी बहन को घर से बुलाने के बाद वारदात को अंजाम दिया। पकड़े जाने पर पुलिस को बताया कि मां का गला घोंट कर हत्या करने के बाद शव को खेत में गड्डा खोदकर दफना दिया था। पुलिस ने घटना का पर्दाफाश करते हुए आरोपित बेटे को गिरफ्तार करके निशानदेही पर गड्ढे से शव को बरामद कर लिया है।

इस तरह डाल रहा था गुनाह पर पर्दा

उसराहार थाने में नंगला गंगे गांव के हर नारायण प्रजापति ने मां विद्यावती के 28 नवंबर की रात से लापता होने की सूचना छह दिसंबर को दर्ज कराई थी। इस बीच गांव में तरह-तरह की चर्चाएं सुनने के बाद थानाध्यक्ष ने हरनारायण को बुलाकर पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। उसपर शक होने के कारण पुलिस लगातार नजर बनाए रही।

जांच में सामने आई ये बातें

पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि हरनारायण के पिता की मौत काफी पहले हो गई थी। पिता की मौत के बाद 22 बीघा भूमि की आधी मां विद्यावती और आधी हरनारायण के नाम दर्ज हो गई थी। विद्यावती अक्सर अपनी बेटी के पास चली जाती थी। इसपर हरनारायण को शक था कि मां कहीं 11 बीघा भूमि किसी और के नाम न कर दे।


पहले भी दो बार कर चुका था मारने की कोशिश
थानाध्यक्ष ने बताया कि रविवार को हरनारायण से सख्ती से पूछताछ की गई तो घटना कबूल दी। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर खेत से गड्ढे को खोदकर मां का शव बरामद कर लिया। हरनारायण जमीन के लिए पहले भी दो बार मां को जान से मारने की कोशिश कर चुका था।