सार
कैराना सीट से सपा ने नाहिद हसन को उम्मीदवार बनाया था। सूची जारी होने के दो दिनों तक बढ़े विवाद के बाद शनिवार को यूपी पुलिस ने नाहिद हसन को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने विधायक नाहिद हसन को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है। जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
लखनऊ: हाल ही में समाजवादी पार्टी (samajwadi party) की ओर से विधानसभा चुनाव (Vidhansabha) के उम्मीदवारों की सूची जारी की गई थी। उस सूची कैराना सीट से सपा ने नाहिद हसन (nahid hasan) को उम्मीदवार बनाया था। सूची जारी होने के दो दिनों तक बढ़े विवाद के बाद शनिवार को यूपी पुलिस (UP Police) ने नाहिद हसन को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने विधायक नाहिद हसन को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है। जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। आपको बता दें कि प्रत्याशियों की उस सूची में नाहिद के अलावा रफीक अंसारी, हाजी यूनुस जैसे नामों को लेकर भी आपत्ति जताई गई थी। इसके साथ ही बीजेपी (BJP) ने सपा पर अपराधियों, हिस्ट्रीशीटरों को टिकट देने का आरोप लगाया था।
हिंदुओं के पलायन का मास्टरमाइंड नाहिद हसन को सपा से मिला टिकट
बीते 13 जनवरी को देर शाम समाजवादी पार्टी की ओर से सपा-आरएलडी के गठबंधन वाले प्रत्याशियों की ओनली सूची जारी की गई। इस सूची में समाजवादी पार्टी द्वारा शामली जिले की कैराना सीट के लिए नाहिद हसन का नाम घोषित किया गया है। आपको बता दें कि नाहिद हसन के खिलाफ पुलिस में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसी के साथ उन्हें कैराना से हिन्दुओं के अतिचर्चित पलायन का मास्टरमाइंड भी कहा जाता है। कई भाजपा नेताओं ने नाहिद हसन को दोबारा टिकट दिए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। इसके साथ ही आपको बता दें कि नाहिद हसन पर जमीन खरीदने के मामले में धोखाधड़ी का भी केस दर्ज है। वह शामली जिले की विशेष अदालत से भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है। नाहिद हसन कैराना से सपा के वर्तमान विधायक भी हैं। उनकी माँ तबस्सुम इसी क्षेत्र से पूर्व सांसद रहीं हैं। लम्बे समय तक फरार रहने वाले नाहिद हसन ने जनवरी 2020 में अदालत में सरेंडर किया था। लगभग 1 माह से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिली थी। फरवरी 2021 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने नाहिद हसन, उनकी माँ तबस्सुम और 38 अन्य लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी।
आपराधिक प्रवत्ति वाले अन्य लोग भी हैं प्रत्याशियों की सूची में शामिल
सपा-आरएलडी के गठबंधन से जुड़ी प्रत्याशियों की इस सूची में कोई एक दो नेता नहीं बल्कि ऐसे कई नेता हैं जो आपराधिक प्रवत्ति से जुड़े हैं। जिनमें से एक नाम भाजपा नेता गजेंद्र भाटी की हत्या करने वाले अपराधी अमरपाल शर्मा का है। गाजियाबाद के खोड़ा में भाजपा नेता गजेंद्र भाटी उर्फ गज्जी की दो सितंबर 2017 को हत्या हुई। शूटरों ने खुलासा किया कि अमरपाल शर्मा ने उन्हें सुपारी दी थी। प्रशासन ने इस मामले में अमरपाल पर रासुका भी लगाई थी। अमरपाल पर साल-2018 में 10 लाख की रंगदारी मांगने का केस दर्ज हुआ। कभी बसपा और कांग्रेस के साथी रहे अमरपाल शर्मा आज सपा-रालोद गठबंधन से साहिबाबाद सीट से प्रत्याशी हैं। इसी प्रकार हापुड़ जिले की धौलाना विधानसभा सीट से सपा विधायक एवं मौजूदा प्रत्याशी असलम चौधरी विवादित बयान के लिए अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। इसके चलते पिछले पांच साल में उन पर तकरीबन छह से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए।