सार
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्राह्मणों पर अत्याचार से जुड़ा पोस्टर लगाया गया है। पोस्टर के जरिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की आलोचना की गई है और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को रक्षक के रूप में दिखाया गया है।
लखनऊ(Uttar Pradesh). उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्राह्मणों पर अत्याचार से जुड़ा पोस्टर लगाया गया है। पोस्टर के जरिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की आलोचना की गई है और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को रक्षक के रूप में दिखाया गया है। ये पोस्टर लखनऊ के हजरतगंज इलाके में स्थित दारुल शफा के विधायक निवास की दीवार पर लगाया गया है। विवादित पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कई बड़े मंत्रियों की फोटो भी है। ये पोस्टर ब्राह्मणों पर हो रहे कथित अत्याचार के विरोध स्वरूप लगाया गया है।
विवादित पोस्टर समाजवादी पार्टी छात्र सभा के प्रदेश सचिव विकास यादव के नाम से लगाया गया है। भगवान परशुराम की फोटो के साथ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को ब्राह्मणों का रक्षक दिखाया गया है। पोस्टर से लखनऊ की सियासत गर्मा गई है और पुलिस कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस पोस्टर लगाने वाले लोगों को तलाश कर रही है।
अखिलेश यादव को दिखाया गया ब्राह्मणों का रक्षक
पोस्टर में सीएम योगी आदित्यनाथ को ब्राह्मणों पर फरसे से हमला करते हुए दिखाया गया है। सीएम योगी के पीछे केशव प्रसाद मौर्य समेत दूसरे नेताओं की तस्वीरें भी लगाई गई हैं। वहीं भगवान परशुराम की फोटो के साथ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को ब्राह्मणों का रक्षक दिखाया गया है। पोस्टर में लिखा गया है-"बेटी बचाओ भाजपा भगाओ, बंद करो ब्राह्मणों पर अत्याचार, ना भ्रष्टाचार ना गुंडाराज, अबकी बार अखिलेश सरकार।"
पोस्टर में कोरोना पर भी किए गए सवाल
लखनऊ के हजरतगंज इलाके में लगे इन विवादित पोस्टर्स में डॉक्टर और करोना मरीज की फोटो भी लगाई गई है। इसके साथ लिखा गया है कि करोना महामारी की आड़ में धन उगाही।