सार
कानपुर में एक घूसखोर दरोगा वसूली करने के मामले में पकड़ा गया है। दरोगा पर आरोप है कि उसने कार्रवाई का डर दिखाकर एक महिला से अपने साथी के एकाउंट में 50 हजार रुपए डलवा लिए। महिला ने गूगल-पे से पैसा तो ट्रांसफर कर दिया, लेकिन इसके बाद सीधे आईजी की जनसुनवाई में शिकायत कर दी
कानपुर(Uttar Pradesh). उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक घूसखोर दरोगा वसूली करने के मामले में पकड़ा गया है। दरोगा पर आरोप है कि उसने कार्रवाई का डर दिखाकर एक महिला से अपने साथी के एकाउंट में 50 हजार रुपए डलवा लिए। महिला ने गूगल-पे से पैसा तो ट्रांसफर कर दिया, लेकिन इसके बाद सीधे आईजी की जनसुनवाई में शिकायत कर दी। शिकायत के बाद आईजी ने मामले की जांच करवाई तो मामला सही पाया गया। जिसके बाद आईजी के निर्देश पर दारोगा के खिलाफ उसके तैनाती वाले थाने में ही मामला दर्ज कर लिया गया है।
मामला यूपी के कानपुर का है। कानपुर के बर्रा थाने में तैनात दरोगा संदीप वर्मा पर आरोप है कि उसने एक महिला पर कार्रवाई का डर बनाया और उससे रिश्वत के 50 हजार रुपए अपने साथी के अकाउन्ट में ट्रांसफर करवा दिए। जांच में वसूली करने का मामला सत्य पाया गया। जांच के बाद आईजी के आदेश पर दरोगा को निलम्बित कर दिया गया। वह जिस थाने में तैनात था, उसी में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
साथी के अकाउंट में ट्रांसफर करवाए रूपए
बर्रा थाने की जनता नगर चौकी में उपनिरीक्षक संदीप वर्मा तैनात थे। यहां पर एक महिला को कार्रवाई का खौफ दिखाकर दरोगा ने उससे 50 हजार की मांग की। जब महिला ने नकद रुपए न होने का हवाला दिया तो दरोगा साहब ने अपने एक साथी के खाते में 50 हजार रुपए गूगल पे से ट्रांसफर करा लिया।
आईजी ने वापस कराया महिला का पैसा
पीड़ित महिला ने मामले की शिकायत जनसुनवाई में आईजी कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल से की। आईजी ने मामले की जांच करवाई तो मामला सही पाया गया। दरोगा ने अपने साथी सनी जनरेटर व एक अन्य के साथ मिलकर महिला से अवैध वसूली की थी। इसके बाद आईजी ने दरोगा को निलम्बित करने और विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने शिकायतकर्ता महिला का पैसा भी वापस करवाया।
दारोगा पर होगी विभागीय कार्रवाई
इस मामले में आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि दरोगा द्वारा पुलिस नियमावली को तोड़ते हुए अत्यंत निंदनीय कार्यशैली अपनाई गई। इसके चलते उनके खिलाफ बर्रा थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसके साथ ही दरोगा संदीप पर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। किसी भी हाल पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह की कार्यशैली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।