सार
हाल ही में बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी को थप्पड़ मारने वालीं इंटरनेशनल निशानेबाज वर्तिका सिंह काफी चर्चा में हैं। hindi.asianetnews.com से खास बातचीत में वर्तिका ने अपने जिदंगी के संघर्षों और सफलता की कहानी शेयर की।
लखनऊ (Uttar Pradesh). हाल ही में बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी को थप्पड़ मारने वालीं इंटरनेशनल निशानेबाज वर्तिका सिंह काफी चर्चा में हैं। hindi.asianetnews.com से खास बातचीत में वर्तिका ने अपने जिदंगी के संघर्षों और सफलता की कहानी शेयर की।
बचपन से ही खिलौनों में पिस्टल लेती थी ये लड़की
वर्तिका यूपी के प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से गांव राय चंद्रपुर की रहने वाली हैं। इनके पिता कृष्ण प्रताप सिंह अपना खुद का एक स्कूल चलाते हैं। पहले ये एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थे। वर्तिका का बचपन काफी संघर्षों में बीता। वो कहती हैं, जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखने के बाद मैं इस मुकाम तक पहुंची हूं। हम तीन भाई-बहन हैं। बचपन में जब हम तीनों गांव का मेला देखने जाते थे, तो वहां से मैं खिलौने में सिर्फ पिस्टल खरीदती थी। कई बार घर में इसके लिए डांट भी पड़ी। मुझे बचपन से ही बंदूकों से बड़ा लगाव था। थोड़ा बड़ी हुई तो जब घर से इयररिंग के पैसे मिलते तब भी मैं उससे खिलौने वाली पिस्टल खरीदती थी। मां खूब डांटती थी।
राहुल गांधी ने इस लड़की को गिफ्ट की थी पिस्टल
वो कहती हैं, मैं अमेठी में स्पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया में दोस्तों की पिसटल उधार मांगकर प्रैक्टिस करती थी। प्रोफेशनल पिस्टल करीब एक लाख रुपए की थी, इतना पैसा घर से मिलना संभव नहीं था। एक बार प्रैक्टिस के दौरान राहुल गांधी वहां पहुंचे थे। उस समय सभी खिलाड़ियों के पास खुद की पिस्टल थी, जब मेरी बारी आई तो मैंने अपनी दोस्त साक्षी से पिस्टल मांगकर निशाना लगाने लगी। यह देख राहुल गांधी ने मुझे अपने पास बुलाया और इसका कारण पूछा। जब उन्हें पता चला कि मेरे पास पिस्टल नहीं है, तब उन्होंने मुझे तुरंत एक पिस्टल मंगाकर दिया। इसके अलावा दिल्ली के पूर्व कमिश्नर और वर्तमान बीजेपी सरकार में मंत्री सत्यपाल सिंह ने भी मुझे एक बार निशानेबाजी के लिए पिस्टल दिया था। हालांकि, वो मैंने सत्यपाल सिंह की वापस कर दी।
प्रियंका गांधी के बेटे को दे चुकी हैं ट्रेनिंग
वो कहती हैं, मैंने कई बार स्टेट लेवल पर खेलते हुए गोल्ड हासिल किया। इसको देखते हुए मुझे एयर इंडिया की तरफ से स्पॉन्सरशिप मिल गई। इसके बाद मेरे हौसलों को मानों पंख लग गए। एयर इंडिया की तरफ से मुझे देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। मैंने जर्मनी और सिंगापुर में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
यही नहीं, उत्तराखंड के फैमस स्कूल द दून कॉलेज में मैंने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के बेटे को निशानेबाजी की ट्रेनिंग दी है। पुलिस अकादमी में आईपीएस अधिकारियों के एक ट्रेनी बैच को भी ट्रेनिंग देने का मौका मिला था।
बाबरी मस्जिद के पक्षकार को थप्पड़ मारने का कोई दुख नहीं
वो कहती हैं, बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भला-बुरा कह रहे थे। यह बात बीते 3 सितंबर की है। उस समय मैं अपने भाई के साथ अयोध्या दर्शन के दौरान इकबाल अंसारी से मिलने उनके घर गई थी। उनका बयान था कि यहां पर राम मंदिर कभी नहीं बनेगा। इस पर मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उन्हें थप्पड़ मार दिया। मेरा सीधा कहना है जो भी हमारे धर्म और देश पर आहत करेगा, उसके साथ मैं आगे भी ऐसा ही बर्ताव करूंगी। उसे थप्पड़ मारने का मुझे कोई दुख नहीं है।
पैरेंट्स को दिया ये मैसेज
वर्तिका कहती हैं, मेरे गांव में लड़कियों की हायर एजुकेशन अभिशाप मानी जाती है। लड़कियों को इंटरमीडिएट तक पढ़ाकर उनकी शादी कर दी जाती है। लेकिन मेरा ऐसे लोगों को एक संदेश है कि अगर वह लड़कियों को अच्छा पढ़ाएं, उन्हें अपनी दिशा चुनने की आजादी दे और उनकी मदद करें तो निश्चित ही वो देश का नाम रोशन कर सकती हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान मैंने विश्वविद्यालय के ओवरआल स्पोर्ट्स रैंकिंग में टॉप किया था। मैंने सभी खेलों में जीतने वाले खिलाड़ियों से ज्यादा नंबर हासिल किए थे। जिसके बाद मुझे पूर्व राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया था।