सार
लोकायुक्त एक गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से होता है। वैधानिक तौर पर सरकारी भ्रष्टाचार, सरकारी अव्यवस्था या शक्तियों के गलत उपयोग के मामलों को देखता है। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए बनाए गए इस पर एक लोकायुक्त और तीन उप-लोकायुक्त आसीन होते हैं। जिनका कार्यकाल आठ साल होता है।
लखनऊ (Uttar Pradesh) । अयोध्या बाबरी विध्वंस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी समेत 32 आरोपियों को बरी करने वाले सीबीआई की विशेष अदालत के पूर्व न्यायाधीश सुरेंद्र यादव को उप लोकायुक्त नियुक्त किया गया है। बता दें साल 2019 अगस्त में वे रिटायर हो रहे थे, लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्हें 11 महीने का अतिरिक्त समय और दिया गया था।
कौन हैं सुरेंद्र यादव
सुरेंद्र यादव मूल रुप से जौनपुर के रहने वाले हैं। उनकी शिक्षा दीक्षा वाराणसी में हुई। 30 सितंबर 2019 को जिला जज लखनऊ के पद से रिटायर हुए थे। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उन्होंने राम जन्मभूमि व विवादित ढांचे को निर्णीत करने के लिए 30 सितंबर 2020 तक सीबीआई अयोध्या प्रकरण के रूप में काम किया। रिटायर होने से ठीक पहले 30 सितंबर 2020 को बाबरी केस में उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी, एमएम जोशी, उमा भारती और कल्याण सिंह जैसे दिग्गजों को बरी कर दिया था।
आठ साल होता है कार्यकाल
लोकायुक्त एक गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से होता है। वैधानिक तौर पर सरकारी भ्रष्टाचार, सरकारी अव्यवस्था या शक्तियों के गलत उपयोग के मामलों को देखता है। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए बनाए गए इस पर एक लोकायुक्त और तीन उप-लोकायुक्त आसीन होते हैं। जिनका कार्यकाल आठ साल होता है।
पहले से कार्यरत थे उप लोकायुक्त
पहले ही प्रदेश में दो उप लोकायुक्त पहले से कार्यरत हैं। जिनमें उप लोकायुक्त शंभु सिंह 4 अगस्त 2016 और दिनेश कुमार सिंह 6 जून 2020 को नियुक्त हुए थे।