सार
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी के साथ देश के भाजपा शासित राज्यों के 12 मुख्यमंत्रियों की बैठक चल रही है। मीटिंग के खत्म होने के बाद ये सभी मुख्यमंत्री अपनी पत्नी के साथ अयोध्या के लिए रवाना होंगे। अयोध्या में प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्रियों के स्वागत के लिए खास तैयारियां की गई हैं।
वाराणसी: भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी में विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) उद्घाटन के कार्यक्रम के दौरान वहां पहुंचे भाजपा शासित राज्यों के सीएम अब राम की नगरी अयोध्या (ayodhya) आने की तैयारी में हैं। आगामी 15 दिसम्बर यानी बुधवार को अयोध्या में सभी मुख्यमंत्री अपनी पत्नी के साथ पहुंचेंगे। मुख्यमंत्रियों के स्वागत की तैयारी भी अयोध्या में शुरू हो गई है, इनकी अगवानी स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को काशी में पीएम नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक हो रही है। इस बैठक में सभी भाजपा शासित राज्यों के सुशासन पर चर्चा होगी, इस दौरान पीएम मोदी मुख्यमंत्रियों को गुड़ गवर्नेंस के गुण सिखाएंगे। इसके अगले दिन ये सभी मुख्यमंत्री अयोध्या पहुंचकर दर्शन-पूजन करेंगे। आपको बता दें कि एक साथ आ रहे 12 मुख्यमंत्रियों को लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। पीएम मोदी ने सोमवार को काशी में काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का लोकार्पण किया। उस अवसर पर मौजूद भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्रियों का अगला पड़ाव अब अयोध्या है।
अयोध्या पहुंचेंगे इस राज्यों के मुख्यमंत्री
अयोध्या पहुंचने वाले मुख्यमंत्रियों की सूची की यदि बात करें तो हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, असम नागालैंड मणिपुर, त्रिपुरा, गुजरात, हरियाणा, गोवा के मुख्यमंत्री अयोध्या पहुंचेंगे। इसके साथ ही दो बिहार एक अरुणाचल के मिलाकर तीन डिप्टी सीएम भी अयोध्या रहेंगे। इन मुख्यमंत्रियों के साथ सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, कर्नाटक, पुंदुचेरी के मुख्यमंत्री के भी मौजूद होने की उम्मीदें जताई जा रही हैं।
आपको बताते चलें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद अगवानी के लिए अयोध्या में मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है कि ये सभी सीएम काशी में शिव की आराधना के बाद 15 दिसंबर को रामलला की शरण में अपने परिवार के साथ पहुंचेंगे। उपमुख्यमंत्रियों के भी अपने परिवार के साथ अयोध्या आने की संभावना है। यहां पंचशील होटल में सभी के लिए लंच का इंतजाम भी है। प्रशासन के पास अभी कोई अधिकृत कार्यक्रम नहीं पहुंचा है।
सूत्र बताते हैं कि यदि मुख्यमंत्रीगण मंगलवार दोपहर बाद खाली हो जाते हैं तो आम पर्यटकों की तरह बस के जरिए भी अयोध्या आ सकते हैं। उनके रुकने के लिए पंचशील होटल में व्यवस्था की जा रही है। वहां से सुबह वे दर्शन-पूजन के बाद अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना होंगे। अधिकारी बताते हैं कि सुरक्षा कारणों से सड़क मार्ग के जरिए यात्रा करना बेहतर नहीं रहेगा। ऐसे में ज्यादा संभावना है कि सभी मुख्यमंत्री 15 दिसंबर की दोपहर तक ही अयोध्या पहुंचेंगे। ये सभी सीएम व डिप्टी सीएम रामलला के प्रति आस्था अर्पित करने के साथ-साथ, हनुमानगढ़ी भी जाएंगे। साथ ही सरयू आरती का भी कार्यक्रम बन सकता है।
विकास कार्यों को दर्शाते हुए अयोध्या में लगाई जाएंगी 350 होर्डिंग
भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के काशी-अयोध्या यात्रा को ऐतिहासिक बनाने की भी तैयारी है। अयोध्या में 350 होर्डिंग्स लगाई जाएंगी। इनके जरिए विकास कार्यों व सरकार की उपलब्धियां दर्शायी जाएंगी तो इस यात्रा के मायने भी समझाए जाएंगे। एयरपोर्ट से लेकर हाईवे, पंचशील होटल से लेकर नयाघाट और श्रीरामजन्मभूमि जाने वाले मार्ग को होर्डिंग से सजाया जाएगा। इस होर्डिंग के जरिए काशी-अयोध्या यात्रा को अविस्मरणीय बनाने का प्रयास तो है ही, साथ ही बड़ा संदेश भी देने की तैयारी है।
रामजन्मभूमि परिसर में पहली बार रामलला के दरबार में इतने राज्यों की सरकार माथा टेकने पहुंच रही है। यहां भी राममंदिर ट्रस्ट की ओर से उनके स्वागत की योजना है। रामजन्मभूमि के अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि मुख्यमंत्रियों को श्रीरामचरितमानस व धर्म ध्वजा भेंट की जाएगी।