सार

जस्टिस राजीव सिंह ने की मामले की सुनवाई की है। मंत्री टेनी पुत्र आशीष मिश्रा के वकील ने सरकार के काउंटर ऐफिडेविट का जवाब दाखिल करने का समय मांगा था। जिस पर कोर्ट ने 11 जनवरी अगली तारीख दी है। इस केस में प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने पक्ष रखा। 
 

लखीमपुर खीरी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत मामले में 11 जनवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 11 जनवरी को ही होगी। इससे पहले लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheeri) हिंसा मामले की जांच कर रही एसआईटी (SIT) ने स्थानीय अदालत में 5000 पन्नों की चार्जशीट (Chargesheet) दाखिल की थी। इस मामले में 14 लोगों को आरोपित किया गया था। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर हिंसा का मुख्य आरोपी बनाया गया था।

जस्टिस राजीव सिंह ने की मामले की सुनवाई की है। मंत्री टेनी पुत्र आशीष मिश्रा के वकील ने सरकार के काउंटर ऐफिडेविट का जवाब दाखिल करने का समय मांगा था। जिस पर कोर्ट ने 11 जनवरी अगली तारीख दी है। इस केस में प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने पक्ष रखा। 

कई धाराओं से घीरे हैं आशीष मिश्रा
बता दें कि हालही में इस मामले में एसआईटी (SIT) ने धारा 307, 326 और 34 जैसे कई संगीन धाराएं बढ़ा दी हैं और इन धाराओं के अंतर्गत आरोपियों की रिमांड लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी। वहीं, एसआईटी के मुख्य जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने साफ कर दिया है कि यह लापरवाही व उपेक्षापूर्वक गाड़ी चलाते हुए दुर्घटनावश मृत्यु का का मामला नहीं है। सोची समझी साजिश के चलते भीड़ को कुचलने, हत्या करने, हत्या की कोशिश के साथ ही अंग भंग करने  की साजिश का मामला है। साथ ही आपको बता दें कि 3 अक्टूबर को हुई लखीमपुर खीरी में तिकुनिया कांड में 4 किसान और 1 पत्रकार की हत्या में मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा पर मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें धारा 302, 304ए, 147, 148, 149, 279, 338 और 120बी लगी हुई थी। इन्हीं धाराओं में एसआईटी ने आशीष मिश्रा उर्फ मोनू, समेत सभी आरोपियों को जेल भेजा था।

10 अक्टूबर को हुई थी आशीष मिश्र मोनू की गिरफ्तारी
तिकुनिया कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का बेटा आशीष मिश्र मोनू समेत 13 आरोपी जिला कारागार में बंद है। आशीष मिश्र की गिरफ्तारी भले ही 10 अक्टूबर को हुई थी, मगर उससे पहले सात अक्टूबर को आशीष मिश्र के करीबी लवकुश और आशीष पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों को आठ अक्टूबर को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था।