सार
पिता सूरत में है और वहां मजदूरी करते हैं, जबकि दो बड़े भाई गाड़ी चलाने का काम करते हैं। मां का दस वर्ष पहले ही निधन हो चुका है। आठवीं तक पढाई करने के बाद उसने पढाई छोड़ दिया था। परिजनों ने बताया कि वह आए दिन बाइक की मांग करता रहता था।
जौनपुर (Uttar Pradesh) । बाइक न खरीदने से नाराज युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। शव मकान के अंदर कमरे में लटकता हुआ मिला। कमरे का दरवाजा खोलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। यह घटना सिकरारा थाना क्षेत्र के चकमहिता (डमरुआ) गांव में हुआ।
ये है पूरा मामला
रूपचंद गौड़ गांव निवासी परिवार की आजीविका चलाने के लिए सूरत में रहकर मजदूरी करते हैं। चार पुत्रों में तीसरे नंबर का पुत्र सभाजीत उर्फ पंजाबी (19) साल रोज की तरह शुक्रवार रात भोजन करने के बाद अपने खपरैल के मकान में बने कमरे में सोने चला गया। शनिवार सुबह परिजन चाय देने के लिए जब कमरे का दरवाजा खुलवाने लगे तो कमरा नहीं खुल रहा था।
इस तरह हुई जानकारी
बड़े भाइयों ने खिड़की से झांककर देखा तो अवाक रह गए। देखा कि सभाजीत का शव कमरे में बने लकड़ी की कड़ी पर मफलर के सहारे झूल रहा था। परिजनों ने तुरंत सूचना पुलिस को देकर दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा। परिवार वालों ने बताया कि सभाजीत विगत दस दिनों से बाइक खरीदने की जिद कर रहा था। पिता रूपचंद और बड़े भाइयों ने कहा पहले मकान बन जाय फिर बाइक खरीद दिया जाएगा।
पिता करता है मजदूरी
पिता रूपचंद सूरत में है और वहां मजदूरी करते हैं, जबकि दो बड़े भाई रंजीत और इंद्रजीत गाड़ी चलाने का काम करते हैं। मां साधना का दस वर्ष पहले ही निधन हो चुका है। दादी सुरजा देवी और बड़े भाइयों ने ही सभाजीत की देखरेख की है। आठवीं तक पढाई करने के बाद उसने पढाई छोड़ दिया था। परिजनों ने बताया कि वह आए दिन बाइक की मांग करता रहता था।
(प्रतीकात्मक फोटो)