सार

गोवंशो की हत्या के मामले में शासन के उपसचिव राजेन्द्र मणि त्रिपाठी ने जिलाधिकारी बांदा की रिपोर्ट का हवाला देकर बुधवार को नगर पंचायत, नरैनी के अधिशासी अधिकारी (ईओ) अमर बहादुर सिंह को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य की रिपोर्ट में करीब 50 गोवंशों को जिंदा दफनाने के मामले में ईओ प्रथमदृष्टया दोषी पाये गए हैं।

बांदा:  नरैनी नगर पंचायत की मोतियारी मंडी गौशाला (Motiyari mandi cowshed) के गोवंशों को मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के जंगल में कथित रूप से जिंदा दफनाने (bury alive) के मामले में शासन ने अधिशासी अधिकारी (EO) को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspend) कर दिया है। इस बीच, नरैनी से भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक राज करन कबीर (Raj karan kabir) ने मामले में मुख्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि गोवंशो (Cows) की हत्या (Murder) के मामले में शासन के उपसचिव राजेन्द्र मणि त्रिपाठी (Deputy Secretary Rajendra Mani Tripathi) ने जिलाधिकारी (DM) बांदा की रिपोर्ट का हवाला देकर बुधवार को नगर पंचायत, नरैनी के अधिशासी अधिकारी (ईओ) अमर बहादुर सिंह (Amar bahadur singh) को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। मुख्य विकास अधिकारी (Chief Development Officer) वेदै प्रकाश मौर्य की रिपोर्ट में करीब 50 गोवंशों को जिंदा दफनाने के मामले में ईओ प्रथमदृष्टया दोषी पाये गए हैं।

उपजिलाधिकारी नरैनी पर शामिल होने का आरोप

भाजपा विधायक राजकरन कबीर ने सवाल उठाते हुए कहा कि छोटे अधिकारी को बलि का बकरा  बनाया गया है, बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी? साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के पहाड़ी खेरा के जंगल में 50 से अधिक गायों को जिंदा दफनाया गया था। इसमें उपजिलाधिकारी नरैनी (Sub Collector Naraini) भी शामिल थे। कबीर ने मुख्य विकास अधिकारी की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि  यह जांच रिपोर्ट भ्रामक है, नरैनी की गौशाला से गोवंशों को ले जाते समय ट्रकों के साथ उपजिलाधिकारी नरैनी और पशु चिकित्साधिकारी (veterinary officer) साथ गए थे। विधायक कबीर ने बताया कि करीब 50 गोवंशों के शवों को गड्ढे से निकालकर उनका पन्ना (मध्य प्रदेश) प्रशासन ने पोस्टमॉर्टम करवाया है, जिनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नरैनी भेजी जा चुकी है। 

जिओ टैग से हुई नरैनी गौशाला से संबंधित होने की होने की पुष्टि
साथ ही आपको बता दें  कि गोवंशों के जिओ टैग (Jio Tag)  से उनके नरैनी गौशाला से संबंधित होने की होने की पुष्टि हुई है। राज्य सरकार (state governmennt) ने पालतू पशुओं की जियो टैगिंग अनिवार्य कर दी है। जिन पशुओं को ईयर टैग लगाया जा रहा है उसमें पशुओं से संबंधित पशुपालक का नाम व पता दर्ज किया जाता है। इसके बाद ईयर टैग नंबर के हिसाब से विभाग के पोर्टल पर पशु का पूरा ब्योरा फीड कर दिया जाता है। जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बुधवार को बताया था कि शनिवार की शाम नरैनी नगर पंचायत की मोतियारी गल्ला मंडी स्थित अस्थायी गौशाला से 134 गोवंशों को ले जाकर अन्य चार अस्थायी गौशालाओं में स्थानांतरित किया गया था। सोमवार को अखबार में इन पशुओं को मध्य प्रदेश के जंगल में जिंदा दफनाने की खबर आने के बाद इसे गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त कर, दो दिन के भीतर जांच रिपोर्ट तलब की गयी है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।