सार
राजधानी लखनऊ में एक शख्स ने बंदरों से अपनी दोस्ती बना ली है। ये शख्स रोजाना सैकड़ों बंदरों को भोजन करा रहा है। बंदर भी उसके प्यार को देखकर इतने आह्लादित हैं कि उसे देखते ही उसकी ओर दौड़े चले आते हैं।
लखनऊ(Uttar Pradesh ). लॉकडाउन में लोग अपने घरों में हैं। सभी शैक्षिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं। लोगों को केवल जरूरी आवश्यकताओं के लिए घर से निकलने की अनुमति है। ऐसे में राजधानी लखनऊ में एक शख्स ने बंदरों से अपनी दोस्ती बना ली है। ये शख्स रोजाना सैकड़ों बंदरों को भोजन करा रहा है। बंदर भी उसके प्यार को देखकर इतने आह्लादित हैं कि उसे देखते ही उसकी ओर दौड़े चले आते हैं।
राजधानी लखनऊ के फरीदीनगर में इन दिनों तकरीबन 200 बंदर इकट्ठा रहते हैं। दुकाने आदि बंद होने व सड़क पर लोगों के न निकलने से इनके भोजन का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में समाज कल्याण निगम में लिपिक और राज्य कर्मचारी निगम महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज मिश्र इस समय इन बंदरों के पक्के हितैषी बन गए हैं। मनोज ने एक दिन बंदरों को देखा तो उनकी भूख मिटाने के लिए कुछ खाने की सामग्री की व्यवस्था की। जिसके बाद मानो रोजाना ये बंदर मनोज का इंतजार करते रहते हैं। मनोज भी रोजाना इन बंदरों के लिए खाने का सामान लेकर पहुँचते हैं।
सुबह के 10 बजते ही बंदरों को रहता है इंतजार
मनोज मिश्रा को किसी ने बताया कि फरीदीनगर में करीब दो सौ बंदर भूख से परेशान हैं। इसके बाद वह करीब दो सौ खीरा और इतना ही केला लेकर पहुंचे तो बंदरों का झुंड उनकी तरफ दौड़ पड़ा। एक समय वह घबराए भी लेकिन पीछे नहीं हटे। अब वह हर दिन कभी दो सौ रोटी, 200 केला और खीरा, ब्रेड लेकर जाते हैं। साथ में एक बाल्टी भीगा चना होता है। वह सुबह दस बजे के बाद जब फरीदीनगर पहुंचते हैं तो बंदर उनका इंतजार करते मिलते हैं। मनोज कहते हैं कि उन्हें अब अच्छा लगता है। बंदर भी इस तरह से व्यवहार करते हैं कि जैसे पुराने परिचित हों।