सार

उत्तर प्रदेश के बरेली मंडल के चार चारों जिलों में विधानसभा की कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन पर भाजपा के दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इन सीटों पर पार्टी के मंत्री और पूर्व मंत्री तथा वरिष्ठ नेता चुनाव मैदान में हैं और अपने वर्चस्व की लड़ाई इस चुनाव में लड़ रहे हैं।

राजीव शर्मा
बरेली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बरेली मंडल वैसे तो भाजपा का गढ़ माना जाता है, जहां पिछले विधानसभा चुनाव-2017 में भाजपा ने 25 में से 23 सीटें हासिल की थीं लेकिन इस बार चुनाव में भाजपा के लिए यह रिकॉर्ड बनाना आसान नहीं है। इस मंडल की वीआईपी समझी जाने वाली चार सीटों पर चुनाव लड़ रहे भाजपा दिग्गजों को इस चुनाव में विपक्षी दलों से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है।  

मंडल की शाहजहांपुर विधानसभा सीट सबसे अहम है। इस पर सबकी निगाहें इसलिए लगी हुई हैं, क्योंकि यहां से भाजपा ने योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना को फिर से चुनाव मैदान में उतारा हुआ है। खन्ना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे निकटतम कैबिनेट मंत्री के रूप में जाने जाते हैं। वह शाहजहांपुर शहर सीट से नौवीं बार चुनाव मैदान में हैं और अपनी जीत के लिए पुरजोर कोशिश कवायद में जुटे हुए हैं। उनको सीधी चुनौती सपा से मिल रही है लेकिन खन्ना को बहुसंख्यक वोटों पर भरोसा है। उनके लिए कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व सांसद और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद का भी बल मिल रहा है। जितिन सुरेश खन्ना के लिए जुटे हुए हैं।

दूसरी सीट बदायूं जिले की सदर सीट है। यहां से योगी सरकार के नगर विकास राज्य मंत्री महेश गुप्ता भाजपा के प्रत्याशी हैं। वह दो बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। इस चुनाव में सपा और बसपा के त्रिकोणीय मुकाबले में वह अपनी जीत के लिए पुरजोर कोशिश में लगे हुए हैं। बरेली जनपद की बहेड़ी सीट पर योगी सरकार के राजस्व राज्य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार चुनाव मैदान में हैं। वह पहले भी यहां से विधायक रह चुके हैं। छत्रपाल सिंह को मुकाबला भी सपा के पूर्व मंत्री अताउररहमान से होता दिख रहा है लेकिन बसपा भाजपा प्रत्याशी के लिए इसलिए मुसीबत खड़ी कर रही है, क्योंकि उसने कुर्मी प्रत्याशी उतारा है, जिस बिरादरी से छत्रपाल सिंह हैं।

 बरेली जनपद की आंवला विधानसभा सीट पर योगी सरकार में सिंचाई विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे धर्मपाल सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। वह भाजपा के प्रदेश स्तरीय वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी के प्रदेश महामंत्री तथा प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे अहम पदों पर रहे हैं। धर्मपाल सिंह भी सपा और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबले में हैं। सपा ने यहां से बदायूं जनपद की बिल्सी सीट से विधायक और भाजपा से आए आरके शर्मा को उतारा है, जो पहले भी आंवला से एक चुनाव जीत चुके हैं। बसपा ने साजिद खां को उतारा है। हालांकि धर्मपाल सिंह चार बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। इस बार भी उनको बहुसंख्यक वोटरों का भरोसा है। बरेली मंडल के पीलीभीत जनपद में हालांकि कोई भी विधायक योगी सरकार में मंत्री नहीं है लेकिन यहां की कुछ सीटों पर कई बार चुनाव जीत चुके विधायक भाजपा से लड़ रहे हैं।