सार

मुहर्रम जुलूस निकालने के दौरान बीते 9 अगस्त को दो संप्रदायों के बीच जमकर झगड़ा हुआ था। पुलिस द्जिवारा मामले को गंभीरता से न लेने के बाद गांव में एक परिवार को जान से मारने की धमकी वाला पत्र मंदिर की दीवार पर चिपकाया गया है।

वाराणसी: पुलिस की जरा सी लापरवाही के चलते एक गांव के लोग डर के साए में रह रहे हैं। वाराणसी में कुछ दिन पहले मुहर्रम के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्ष एक दूसरे के आमने सामने आ गए थे। जिसके बाद पुलिस ने मामले में दिलचस्पी न लेते हुए मामले को ऐसे ही रफा-दफा कर दिया था। अब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गांव के मंदिर में धमकी भरा पत्र चिपकाया गया है। धमकी वाले इस पत्र में तीन लोगों के नाम लिखे हुए हैं। जिसके बाद से गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। लोगों का कहना कि मुहर्रम जुलूस के दौरान दो संप्रदाय हिंदू-मुसलमान के बीच हुए झगड़े को पुलिस ने गंभीरता से लिया होता तो गांव के चट्टी-चौराहों पर न धमकी भरा पत्र न चिपका मिलता।

बीते 9 अगस्त को दो पक्षों में हुआ था सांप्रदायिक झगड़ा
जानकारी के मुताबिक, मुहर्रम वाले दिन जब कोरउत गांव की ताजिया जुलूस कोटवा गांव निवासी भगेलू सिंह के दरवाजे के पास पहुंची तो कुछ अराजकतत्वों द्वारा हसन-हुसैन का नारा लगाते हुए उनके गेट पर चढ़ गए। जब उन्होंने ने इसका विरोध किया तो दोनों पत्रों में जमकर झड़प हुई। जिसके बाद घटना की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत करवा दिया था। जिसके बाद तीन लोगों के नाम से धमकी भरा पत्र लिखकर उसे मंदिर और गांव में कई अन्य जगह चिपकाया गया है। पत्र में उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां और जान से मारने की धमकी भी दी गई है। जिसके बाद पीड़ित का परिवार काफी डरा हुआ है।

पुलिस ने लिखित तहरीर लेने से किया इनकार
पीड़ित अभिलाष कुमार सिंह उर्फ मोनू ने जब मामले की लिखित शिकायत करनी चाही तो थानाध्यक्ष ने इसे लेने से मना कर दिया। थानाध्यक्ष ने कोटवा चौकी प्रभारी से इस मामले को लेकर बात करने को कहा। पीड़ित का कहना है कि यदि मुहर्रम के दिन पहले से यदि सुरक्षा जवान तैनात होते तो आज धमकी भरा पत्र चौरा माता मंदिर की दीवार पर न चिपका होता। पुलिस ने भले ही इस मामले में सक्रियता न दिखाई हो, लेकिन खुफिया विभाग ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए अपनी रिपोर्ट पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजकर उचित कार्यवाही करने के लिए कहा है।

भय में जी रहा पीड़ित परिवार
पुलिस द्वारा मामले को गंभीरता से न लिए जाने पर पीड़ित पक्ष ने अपनी शिकायत यूपी कॉप एप और सोशल मीडिया पर की है। पीड़ित ने धमकी भरे पत्र चिपकाने वालों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने की गुहार लगाई है। जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पीड़ित ने कहा है कि हमारा परिवार इस घटना के बाद बहुत ही भयभीत हैं, हमारे रातों की नींद गायब है। कोटवां चौकी इंचार्ज दिनेश मौर्य के मुताबित, अज्ञात लोगों के खिलाफ गालीगलौज और धमकी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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