सार
चिकित्सक के मुताबिक बच्चे में कोरोना के माइल्ड लक्षण थे। यह ए-कैटेगरी का था। उसमें थ्रोट इंफेक्शन ही हुआ था। श्वसनतंत्र तक वायरस नहीं पहुंच पाया। जांच में वायरल लोड काफी कम पाया गया। ऐसे में उसे सुपाच्य आहार दिया। दलिया और खिचड़ी खाई। दूध का सेवन किया।
लखनऊ ( Uttar Pradesh) । ढाई साल के कोरोना पॉजटिव मरीज ने बीमारी से जंग जीत ली है। उसने बगैर किसी दवा के खतरनाक वायरस को मात दी है। लगातार दूसरे रिपोर्ट निगेटिव आने पर डॉक्टरों ने उसे डिस्चार्ज कर दिया है। चिकित्सकों के मुताबिक केजीएमयू में भर्ती मरीज 14 से 24 दिन में डिस्चार्ज हुए। वहीं बच्चा छह अप्रैल को भर्ती हुआ। यह छह दिन में ठीक हो गया। मगर, 14 दिन तक मां और बच्चा दोनों क्वारंटाइन में रहेंगे। इस दौरान आवश्यकता पड़ने पर जांच भी कराई जाएगी। बताया जा रहा है कि यह राज्य के सबसे कम उम्र का कोरोना पॉजिटिव मरीज था।
यह है पूरा मामला
गोमती नगर निवासी महिला चिकित्सक कनाडा से लौटी थी। उसमें कोरोना की पुष्टि हुई थी। केजीएमयू में इलाज के बाद वह घर पहुंची। इसके बाद उसके बच्चे, सास-ससुर को भी वायरस ने जद में ले लिया। छह अप्रैल को ढाई वर्षीय बच्चे में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। केजीएमयू के संक्रामक रोग यूनिट में बच्चे को आइसोलेट किया गया। 48-48 घंटे पर दो टेस्ट कराए गए। दोनों रिपोर्ट निगेटिव आने पर शनिवार को बच्चे को डिस्चार्ज किया गया।
खेल-खेल में कोरोना को हराया
चिकित्सक के मुताबिक बच्चे में कोरोना के माइल्ड लक्षण थे। यह ए-कैटेगरी का था। उसमें थ्रोट इंफेक्शन ही हुआ था। श्वसनतंत्र तक वायरस नहीं पहुंच पाया। जांच में वायरल लोड काफी कम पाया गया। ऐसे में उसे सुपाच्य आहार दिया। दलिया और खिचड़ी खाई। दूध का सेवन किया। वार्ड में उसे खेलने के लिए खिलौने दिए गए। लेकिन, कोई दवा नहीं दी गई। उसने अपनी प्रतिरोधक क्षमता के जरिए खुद ही वायरस को मात दे दी।
(प्रतीकात्मक फोटो)