सार

 नेता अभी भी एक साथ मंच साझा नहीं कर रहे हैं। कयास लगाए जा रहे थे कि अखिलेश इटावा में चाचा शिवपाल के कार्यक्रम में साथ में मंच साझा करेंगे, लेकिन यहां भी चाचा अकेले अपने बेटे आदित्य यादव के साथ नजर आए। 

इटावा: चाचा शिवपाल (Shivpal Yadav) और भतीजे अखिलेश (Akhilesh Yadav) के बीच भले ही मनमुटाव कम हो गया हो। दोनो के बीच गठबंधन (alliance) को लेकर भी बात तय हो गई है। लेकिन मंच पर वो पुराना चाचा-भतीजे का रिश्ता देखने को नहीं मिल रहा है। दोनो नेता अभी भी एक साथ मंच साझा नहीं कर रहे हैं। कयास लगाए जा रहे थे कि अखिलेश इटावा में चाचा शिवपाल के कार्यक्रम में साथ में मंच साझा करेंगे, लेकिन यहां भी चाचा अकेले अपने बेटे आदित्य यादव के साथ नजर आए। 

16 दिसंबर को  सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करके बताया था कि दोनों ही पार्टियों के बीच गठबंधन तय हो गया है। उन्होंने लिखा कि, प्रसपा (PRASPA) के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई। क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है।

सपा नेताओं को भी दिया गया न्यौता
आज ताखा ब्लॉक में शिवपाल यादव गठबंधन के बाद पहली चुनावी जनसभा (Chunavi Jansabha) करने आए थे, लेकिन यहां भी सपा प्रमुख अखिलेश चाचा शिवपाल के मंच पर नजर नहीं आएंगे। इस कार्यक्रम के आयोजक के मुताबिक, कार्यक्रम में सपा नेताओं को भी न्यौता दिया गया था। ताखा ब्लॉक जो कि शिवपाल यादव के विधानसभा क्षेत्र में और मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र में आता है। इस लिहाज से यह सपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। 

कार्यक्रम में शामिल हुए सिर्फ प्रसपा कार्यकर्ता
अखिलेश उनके कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, लेकिन अखिलेश को छोड़िए, जनसभा स्थल पर एक भी सपा नेता नहीं दिखाई दिया। सिर्फ 20 से 25 हजार प्रसपा कार्यकर्ता कार्यक्रम में पहुंच थे। सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के न पहुंचने से शिवपाल भी मायूस दिखाई दिए। उनको लगा था कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र में सपा को अपनी ताकत का एहसास कराएंगे। ताकि गठबंधन में अधिक से अधिक सीटों पर बात बन सके।

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