सार

मंदी को लेकर उन्होंने कहा, बाजार को मजबूत करने समेत कई क्षेत्रों में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। महंगाई पर लगाम लगी है। रोजगार की भी कमी नहीं है। लेकिन एक्सपर्ट की कमी जरूर है, जिसपर सरकार काम कर रही है।

बरेली (उत्तर प्रदेश). केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने रविवार को मोदी सरकार 2 के 100 दिन पूरा होने पर अपने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के बारे में जानकारी दी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, देश में रोजगार की कमी नहीं है। बस उत्तर भारत के लोगों में योग्यता नहीं है। यहां रिक्रूमेंट करने आए अधिकारी कहते हैं कि जिस पद के लिए लोग चाहिए, उनमें वो योग्यता नहीं है। 

श्रीनगर में बनेगा ईएसआईएस अस्पताल
मंदी को लेकर उन्होंने कहा, बाजार को मजबूत करने समेत कई क्षेत्रों में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। महंगाई पर लगाम लगी है। रोजगार की भी कमी नहीं है। लेकिन एक्सपर्ट की कमी जरूर है, जिसपर सरकार काम कर रही है। अगले महीने से जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय श्रम व रोजगार कानून लागू हो जाएगा, जिसके बाद श्रीनगर में 100 बेड का एक ईएसआईएस अस्पताल बनेगा। 

3000 रुपए महीने पेंशन योजना लागू
मोदी सरकार की तारीफ करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान, श्रमिक, छोटे व्यापारी, श्रम कानून सरलीकरण, तीन तलाक, अनुच्छेद 370 हटाने, पेंशन आदि कई काम केंद्र सरकार ने 100 दिन में किए हैं। इस बार जो फैसले लिए गए हैं, उससे करोड़ों अकुशल श्रमिक और आम लोगों को लाभ मिलेगा। छोटे कारोबारियों को 3000 रुपए महीने पेंशन योजना लागू कर दी गई है। केंद्र सरकार 2024 तक हर घर तक शुद्ध पीने का पानी पहुंचाएगी। 

प्रियंका ने गंगवार के बयान का दिया जवाब
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के इस बयान का जवाब देते हुए कहा, मंत्रीजी, पिछले 5 साल से ज्यादा समय से देश में आपकी सरकार है। नौकरियां पैदा नहीं हुईं, जो नौकरियां थीं, वो सरकार द्वारा लाई आर्थिक मंदी के चलते छिन रही हैं। नौजवान रास्ता देख रहे हैं कि सरकार उनके लिए कुछ अच्छा करेगी। आप इस तरह उत्तर भारतीयों का अपमान करके बच निकलना चाहते हैं। ये नहीं चलेगा।

मायावती ने की माफी मांगने की मांग
केंद्रीय मंत्री के बयान पर मायावती ने कहा, आर्थिक मंदी सहित अन्य गंभीर समस्याओं को लेकर केंद्रीय मंत्रियों के हास्यास्पद बयान सामने आ रहे हैं। देश और खासकर उत्तर भारतियों की बेरोजगारी को दूर करने के बजाय देश में रोजगार की कमी नहीं, योग्यता की कमी है, ये कहना बेहद शर्मनाक है। केंद्रीय मंत्री को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।