सार
उत्तर प्रदेश की राजनीति को गरमा देने वाले इस केस की जांच कर रही एसआइटी ने जो चार्जशीट दाखिल की है, वह पूरे पांच हजार पन्नों की है। इसमें बताया गया है कि आशीष मिश्रा मोनू घटनास्थल पर मौजूद था। लखीमपुर हिंसा के मामले में सोमवार को 88 दिन पूरे होने पर आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। आरोप और विवेचना के दौरान दर्ज किए गए बयानों पर लोगों की नजरें टिकी थीं।
लखनऊ: लखीमपुर कांड मामले में SIT की चार्जशीट दाखिल होने के बाद से राजनीति का पारा एक बार फिर गर्माने लगा है। चार्जशीट में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को मुख्य आरोपित बताया गया है। राजनीतिक गलियारों मे टेनी को बर्खास्त करने की मांग एक बार फिर से उठने लगी है।
सवाल उठता है कि क्या चार्जशीट दाखिल होने के बाद अजय मिश्र टेनी गृह राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे? विपक्ष लगातार इसे मुद्दा बनाता रहा है। लगातार दबाव बनने पर सरकार ने भी संसद से लेकर सड़क तक यही कहा कि अगर टेनी का बेटा दोषी पाया जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई होगी। अजय मिश्र टेनी खुद बोल चुके हैं कि अगर उनके बेटे के खिलाफ एक भी सबूत मिलेगा तो वह इस्तीफा दे देंगे।
केन्द्रीय मंत्री टेनी के बेटे को बनाया मुख्य आरोपी
उत्तर प्रदेश की राजनीति को गरमा देने वाले इस केस की जांच कर रही एसआइटी ने जो चार्जशीट दाखिल की है, वह पूरे पांच हजार पन्नों की है। इसमें बताया गया है कि आशीष मिश्रा मोनू घटनास्थल पर मौजूद था। लखीमपुर हिंसा के मामले में सोमवार को 88 दिन पूरे होने पर आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। आरोप और विवेचना के दौरान दर्ज किए गए बयानों पर लोगों की नजरें टिकी थीं। इस आरोपपत्र में 17 लोगों पर सैकड़ों गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जिनमें से तीन की मौत हो गई है। अब इन्हीं 14 को इस हिंसा का जिम्मेदार बनाया गया है। इनमें से 13 को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपित वीरेन्द्र कुमार शुक्ला को पुलिस ने साक्ष्य मिटाने के अपराध का दोषी माना है। आरोप पत्र में साफ कहा गया है कि घटना के दिन तथा समय केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का पुत्र आशीष मिश्रा मोनू घटनास्थल पर ही था।
टेनी ने कही थी ये बात
आठ अक्टूबर को एक न्यूज चैनल से बात करते हुए टेनी ने कहा था, 'पूरे मामले की निष्पक्षता के साथ जांच कराई जा रही है। राजनीतिक द्वेष की भावना से मुझे और मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है। हमारे पास कई ऐसे सबूत हैं, जिससे यह साबित होता है कि मैं और मेरा बेटा घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। घटनास्थल और कार्यक्रम स्थल से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी थी।'
ये था पूरा मामला
तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के थाना तिकुनिया क्षेत्र में ङ्क्षहसा के दौरान एक पत्रकार समेत चार किसानों की हत्या वाहन से रौंदकर की गई थी। घटना के दूसरे दिन जिला बहराइच के कोतवाली नानपारा निवासी जगजीत ङ्क्षसह की तहरीर पर थाना तिकुनिया में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा समेत 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना तिकुनिया में बलवा, हत्या, दुर्घटना व हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। सात अक्टूबर को खीरी हिंसा कांड से जुड़े आरोपित लवकुश राणा व आशीष पांडेय को एसआइटी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था। दूसरे दिन जेल भेज दिया था। नौ अक्टूबर को केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा अधिवक्ता के साथ एसआइटी के सामने बयान दर्ज कराने पुलिस लाइन पहुंचे थे। जहां 12 घंटे की पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया था।