सार

पीड़िता के घर से करीब 300 मीटर दूर प्रशासनिक अफसरों ने गड्ढा भी खुदवा दिया। बिना पूछे गड्ढा खुदवाने से पीड़ित परिवार के लोग नाराज हो गए। एडीएम और अपर एसपी पीड़ित परिवार को समझाने पहुंचे तो पीड़ित परिवार ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर ली जाती वह शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। 
 

उन्नाव (Uttar Pradesh) । होली के दिन मासूम की रेप के बाद हत्या का मामला तूल पकड़ लिया है। अब घरवालों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। उनकी मांग है कि जब तक दरिंदों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। वहीं, पुलिस प्रशासन पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश की, पीड़िता के घर से करीब 300 मीटर दूर प्रशासनिक अफसरों ने गड्ढा भी खुदवा दिया था। बिना पूछे गड्ढा खुदवाने से पीड़ित परिवार के लोग नाराज हो गए। बता दें कि इस मामले को लेकर कांग्रेस लगातार योगी सरकार को घेर रही है, जबकि सीएम पूरे घटना को लेकर सख्त है और आरोपियों की गिरफ्तारी का निर्देश दिए हैं।

यह है पूरा मामला
होली के दिन 10 मार्च को बिहार थाना क्षेत्र में 9 साल की मासूम अचेत अवस्था में मिली थी। परिजनों ने उसे अस्पताल पहुंचाया था। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि बेटी के साथ रेप हुआ है। साथ ही गला दबाया गया है। पीड़िता की हालत गंभीर देखकर डॉक्टरों ने उसे कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर कर दिया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

आज होना है अंतिम संस्कार
बुधवार की देर शाम पोस्टमार्टम के बाद शव उसके घर पहुंचा तो लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। प्रशासन ने शव के अंतिम संस्कार के लिए पीड़ित परिवार को मनाने की कोशिश की। लेकिन. वह नहीं मानें। आईजी एस के भगत गांव में डटे रहे। घर वालों ने गुरुवार को अंतिम संस्कार पर फैसला लेने की बात कही थी। प्रशासन की तरफ से गांव में भारी संख्या में फोर्स तैनात की गई। 

इसलिए हुए नाराज
पीड़िता के घर से करीब 300 मीटर दूर प्रशासनिक अफसरों ने गड्ढा भी खुदवा दिया था। बिना पूछे गड्ढा खुदवाने से पीड़ित परिवार के लोग नाराज हो गए। एडीएम और अपर एसपी पीड़ित परिवार को समझाने पहुंचे तो पीड़ित परिवार ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर ली जाती वह शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। 

प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी
पीड़ित परिवार की ओर से पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई। उधर, सपाइयों की ओर से लगातार पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की जा रही है।