सार

उन्नाव जनपद में दलित युवती के हत्याकांड मामले में पुलिस ने आरोपी आश्रम के बाबा को जेल भेज दिया है। पुलिस ने मामले में पहले भी कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी की थी। जिसके बाद रविवार को बाबा की गिरफ्तारी की गई। 

उन्नाव: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद के सदर कोतवाली क्षेत्र में एक दलित युवती का अपहरण कर उसकी हत्या करने के बाद शव को आरोपी ने अपने आश्रम के गड्ढे में दफन कर दिया था। इस मामले के सामने आने के बाद 10 फरवरी को पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद आरोपी के साथी की निशानदेही पर शव को बरामद किया था। इस बीच परिजनों का लगातार यह कहना था कि मामले में आरोपी के साथ कुछ अन्य लोग भी शामिल रहे है। जिसके बाद अब पुलिस ने रविवार 27 मार्च को आश्रम में रहने वाले एक बाबा  को पुलिस गिरफ्तार कर लिया है। बाबा की गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल भेजा गया है। 

आश्रम के पास से बरामद हुआ था शव
सदर कोतवाली के काशीराम मोहल्ले में रहने वाली दलित युवती पूजा को पूर्व मंत्री स्व फतेहबहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह ने अपहरण कर लिया था। इस मामले को लेकर 8 दिसंबर 2021 को परिजनों ने सदर कोतवाली में तहरीर दी। इस मामले में शुरुआत से ही पुलिस की हीलाहवाली देखने को मिली। पुलिस ने ढिलाई करते हुए मामले में मुकदमा न दर्ज कर एनसीआर दर्ज की। हालांकि मामले ने जब काफी तूल पकड़ा को 11 जनवरी को तमाम प्रयासों के बाद एफआईआर दर्ज की गई। इन सब घटनाक्रमों के बीज जब मामले की गूंज प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंची तो 24 जनवरी को मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी की गई। मामले में पुलिस ने 24 जनवरी को मुख्य आरोपी राजोल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इसके बाद 10 फरवरी 2022 को मंत्री के बेटे के आश्रम के पास से दलित युवती का शव बरामद किया गया था। 

परिजनों के हंगामे के बाद दोबारा हुआ था पोस्टमार्टम 
पूरे घटनाक्रम में हो रही हीलाहवाली और पुलिस की ढिलाई के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों के इसी हंगामे का बाद मामले में शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया। हालांकि इस बीच पीड़ित के परिजन लगातार आरोप लगाते रहे कि मामले में मुख्य आरोपी राजोल सिंह के साथ उसके भाई अशोक सिंह संजय और अन्य लोगों की भी संलिप्तता है। लेकिन शुरुआती दौर में इसे नजरअंदाज किया जाता है। मामले में बाद में दौरान विवेचना को सीओ सिटी से हटाकर सीओ बांगरमऊ विक्रमजीत सिंह को सौंपा गया। 

इस पूरे मामले में तकरीबन एक सप्ताह पहले ही अशोक सिंह और उसके साथी संजय सिंह को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जिसके बाद रविवार 27 मार्च को को मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बाबा विनोद मिश्रा को गिरफ्तार कर न्यायलय के समक्ष पेश किया। जहां उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

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