सार
उन्नाव में किसानों की फसल बर्बाद होने का मामला सामने आया है। किसानों की फसल यहां जलमग्न होने के बाद उनकी आंखे भरी हुई नजर आईं। यहां माइनर कटने के बाद अधिकारियों को सूचना दी गई लेकिन तब तक सब बर्बाद हो चुका था।
उन्नाव: शारदा नहर की पुरवा ब्रांच से गुजरी जरगांव माइनर सोमवार रात पंचम खेड़ा गांव के निकट कटने से 21 बीघा गेंहू के कटे बोझ व खड़ी फसल पानी में जलमग्न हो गई। किसानों को सुबह जानकारी होने पर डूबी फसल के बचाव में जुट गए। माइनर कटने को लेकर ग्रामीणों ने इसकी सूचना सुबह पहुंचते ही पहले नहर विभाग के अधिकारियों को दी। हालांकि इससे पहले ही उनकी पूरी मेहनत बर्बाद हो चुकी थी। किसानों का कहना है कि उनकी पूरी फसल जिसमें से कुछ कट गई थी और जो खड़ी भी हुई थी वह जलमग्न होने के बाद बर्बाद हो चुकी है।
देर रात पानी भरने से फसल जलमग्न
आपको बता दें कि सोमवार रात शारदा नहर की पुरवा ब्रांच में पानी छोड़े जाने से जरगांव माइनर पंचम खेड़ा गांव के निकट पानी के तेज बहाव से खांदी कट गई। खांदी कटने से पंचम खेड़ा गाँव के किसानों के खेतों में गेहूं के कटे पड़े बोझ व खड़ी फसल अलावा भूसे में पानी भरने से फसल जलमग्न हो गई। सुबह किसान फसल देखने गए फसल को डूबा देखकर सन्न रह गये। घटना की जानकारी किसानों ने पीआरवी की मदद से नहर विभाग के अधिकारियों को दी। इस बीच किसान किसी तरह से डूबी हुई फसल को बचाने में जुटे हुए नजर आए। लेकिन उनके हाथ मायूसी ही लगी। इसका कारण था कि फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी थी। जिसके बाद किसान और उनके परिवार के लोग पूरी तरह से मायूस दिखाई पड़े।
कई किसानों का हुआ है नुकसान
फसल को बर्बाद होता देख किसान एकजुट हुए और उन्होंने खांदी बाधने की कोशिश भी की लेकिन उन्हें इसमें कामयाबी हासिल नहीं हो सकी। प्रभावित किसानों में अमृत पाल के 8 बीघा बोझ , कमलेश लोधी 2 बीघे , पियारे लाल 3 बीघे, सजीवन लाल 1 बीघा , कमलेश कुमार 2 बीघा, राज बहादुर 2 बीघा बोझ व 3 बीघे भूसा जलमग्न हो गया। किसानों के मुताबिक गेंहू की फसल में पानी भरने से लाखों का नुकसान हो गया।
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