सार
उन्नाव में फोरलेन चौड़ीकरण के दौरान कई पेड़ काटे गए। हालांकि कई साल बीत जाने के बाद भी उनके रोपड़ में हीलाहवाली देखी गई। जिसके बाद पूर्व रणजी खिलाड़ी ने पौध रोपण के मामले को लेकर डीएम के शिकायत की है।
उन्नाव: फोरलेन चौड़ीकरण के दौरान उन्नाव और शुक्लागंज के बीच में सैकड़ों पेड़ काटे गये। हालांकि अभी तक यहां पौधों का रोपण नहीं किया गया है। 5 साल गुजर जाने के बावजूद पीडब्ल्यूडी और वन विभाग की लापरवाही यहां दिखाई पड़ रही है। यहां सरकार की पौध रोपण के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ रही हैं। इधर पूर्व रणजी खिलाड़ी पौध रोपण संरक्षण को लेकर अपनी लड़ाई जारी रखी। जिसके बाद उनकी मेहनत रंग लाई और फोरलेन के किनारे पौध रोपण कराया गया। इसके लिये विभाग ने पीले ईंटों से ब्रिक गार्ड बनाये। जिनका अस्तित्व समाप्त हो चुका है।
आरटीआई के जरिए मांगा जवाब
गौरतलब है कि वर्ष 2015-16 में उन्नाव शुक्लागंज फोरलेन चौड़ीकरण से पहले दोनों ओर लगभग 2235 छोटे बड़े पेड़ काटे गये थे। नियमतः इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों के काटे जाने के बाद उनके स्थान पर 4500 ट्री गार्ड बनवाकर पौध रोपण का कार्य प्रस्तावित था। हालांकि इस पर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। जिसको लेकर डॉकतार कॉलोनी निवासी पूर्व रणजी खिलाड़ी, पूर्व नौसैनिक और संदेश फाउंडेशन के अध्यक्ष संदीप पांडे ने सवाल-जवाब किया। आरटीआई के जरिये जबाव मांगा गया। जिस पर कैम्पा योजना के तहत फोरलेन के दोनों ओर एक हजार पौधे लगाने की बात जून 2021 में मालूम चली। इसके बावजूद पौध रोपण नहीं किये गये। जिस पर संदीप ने अपनी लड़ाई अनवरत जारी रखी और तीन वर्षों के लम्बे संघर्ष के बाद कैम्पा ने 2021 में उपरोक्त पौधरोपण धनराशि उन्नाव वन विभाग को लगभग 06 वर्ष पश्चात प्रदान की, जिससे प्रभाव यह पड़ा कि जब उन्नाव वन विभाग द्वारा पौधरोपण का कार्य प्रारंभ कराया।
कई कार्यों में दिखी हीलाहवाली
फोरलेन के दोनों ओर ब्रिक गार्ड बनाकर पौध रोपण हुआ। हालांकि कार्य के दौरान हीलाहवाली देखने को मिली और ब्रिकगार्ड को बनाने के लिए बहुत ही घटिया ईंटों किस्म ईटों का का इस्तेमाल हुआ। सिर्फ ब्रिकगार्ड ही नहीं पौधों की गुणवत्ता के साथ भी यहां पर जमकर समझौता हुआ। नियमों की जमकर हुई अनदेखी के बाद ज्यादातर पौधों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है या फिर वह अंतिम सांसे ले रहे हैं। इसको लेकर भी संदीप पांडे ने मौर्चा संभाला। संदीप पांडे ने उन्नाव जिलाधिकारी को पत्र दिया और लापरवाही बरतने वालों पर कार्यवाही की मांग की है। संदीप पांडे के द्वारा पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई कि कोरोना काल में किस तरह ऑक्सीजन की कमी के कारण लाखों लोगों की जान चली गई यह सभी के द्वारा देखा गया। लेकिन इसमें सुधार के बजाए परिस्थितियां अभी भी जस की तस बनी हुई है। अभी भी भारी संख्या में पेड़ काट दिए जाते हैं और उनकी जगह पर नए पौधों का रोपण नहीं होता।
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