सार
चुनाव के दौरान कहा जा रहा था कि जयंत और अखिलेश यादव की जोड़ी कमाल कर सकती है। चुनाव के दौरान भी यह जोड़ी साथ में दिखी। लोगों की निगाहे भी अखिलेश और जयंत की रोड शो और रैली पर रहीं। आरएलडी की ओर से 33 सीटों पर प्रत्याशी उतारे गए थे जिसमें से 8 सीटों पर प्रत्याशी ने जीत भी दर्ज की है।
लखनऊ: यूपी चुनाव के नतीजे गुरुवार को जनता से सामने आ चुके हैं। नतीजे सामने आने के साथ ही बीजेपी बहुमत के साथ यूपी की सत्ता पर काबिज होने जा रही है। वहीं चुनाव नतीजों के सामने आने के साथ ही मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी और जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली आरएलडी गठबंधन फेल साबित हुआ।
सपा 111 और राष्ट्रीय लोकदल को मिलीं 8 सीटें
यूपी चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी को 111 और राष्ट्रीय लोकदल को 8 सीटों पर जीत हासिल हुई हैं। अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन किया था। जिसके बाद आरएलडी ने 33 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। चुनाव के दौरान कहा जा रहा था कि जयंत और अखिलेश यादव की जोड़ी कमाल कर सकती है। चुनाव के दौरान भी यह जोड़ी साथ में दिखी। लोगों की निगाहे भी अखिलेश और जयंत की रोड शो और रैली पर रहीं। आरएलडी की ओर से 33 सीटों पर प्रत्याशी उतारे गए थे जिसमें से 8 सीटों पर प्रत्याशी ने जीत भी दर्ज की है।
गुरुवार को जब परिणाम सामने आए तो प्रत्याशी के साथ ही जयंत चौधरी को भी चौंका गए। लोकदल महज 8 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई। इसके बाद माना जा रहा है कि जाट बाहुल्य क्षेत्र में सियासत करने वाले जयंत की आगे की राह आसान नहीं होगी।
पिछली बार भी फेल हुआ था गठबंधन
पश्चिमी यूपी में सपा बसपा या कांग्रेस को तभी सफलता मिलती है, जब मुस्लिम और जाट का समीकरण बनता है। यह समीकरण 2017 में भी नहीं बन पाया था। जिसकी वजह पश्चिमी यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन भी सफल नहीं हो पाया था। हालांकि उस दौरान कारण बताया गया था कि 2017 में सपा पारिवारिक विवाद में ही उलझी रही तो कांग्रेस के पास संगठन की भी कमी रही। सपा से मुलायम सिंह यादव रैली करने के लिए भी नहीं निकले। यही नहीं सपा के दिग्गज नेताओं की भीतरघात भी हार का कारण बनी।
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