सार
सीएम योगी ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रवासी को पैदल न आने दिया जाए। उन्होंने आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार उन्हें सुरक्षित घर लाने के लिए जरूरी प्रयास कर रही है।
लखनऊ(Uttar Pradesh). कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर देश में लॉकडाउन फिर से 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन के कारण ज्यादातर फैक्ट्रियां व अन्य उद्योग बंद हैं। जिससे रोजी रोटी की तलाश में प्रदेश से बाहर गए लोगों के लिए पेट भरने का संकट खड़ा हो गया है। यातायात के सभी माध्यम बंद होने के कारण वह अपने घर भी नहीं लौट पा रहे हैं। उन्हें वापस लाने के लिए सरकार द्वारा श्रमिक एक्सप्रेस चलाई गई है। लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो घर जाने के लिए सैकड़ों किमी की दूरी पैदल जी तय करने के लिए निकल पड़े हैं। सीएम योगी ने इसके लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रवासी को पैदल न आने दिया जाए। उन्होंने आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार उन्हें सुरक्षित घर लाने के लिए जरूरी प्रयास कर रही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अधिकारियों को आदेश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी प्रवासी मजदूर पैदल यात्रा न करे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार प्रवासियों को सुरक्षित उनके घरों तक वापस लाने में सक्रिय रूप से लगी हुई है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी प्रवासी श्रमिक पैदल यात्रा करते समय राज्य में न लौटे। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन्हें वापस लाने में पूरी तत्परता से लगी हुई है। उन्हें सुरक्षित रूप से घर पहुंचाया जाएगा।
पैदल आने वाले मजदूरों को पुलिस ने रोका
सीएम योगी के आदेश के बाद पुलिस ने पैदल वापस आने वाले प्रवासियों को रोक दिया। गुरूवार को बुलन्दशहर के हाईवे पर पुलिस ने दिल्ली और नोएडा से पैदल घर आ रहे 172 प्रवासी श्रमिकों को रोक लिया। इससे अधिकारियों को अवगत कराया गया है। वहीं राज्य सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए और तेजी लाने का आदेश दिया है।
17 प्रवासी श्रमिकों की ट्रेन की चपेट में आने से हुई थी मौत
इससे पहले महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेलवे पटरियों पर सोते समय एक मालगाड़ी की चपेट में आने से 17 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि ये श्रमिक महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश जाने के लिए रेलवे की पटरियों के किनारे पैदल ही निकल पड़े थे। शाम होने के बाद थकान के कारण ये पटरियों पर ही सो गए थे। जहां से गुजर रही मालगाड़ी की चपेट में आने से 17 प्रवासियों की मौत हो गई।