सार
भारतीय जनता पार्टी ने खीरी जिले सदर सीट से योगेश वर्मा,निघासन से शशांक वर्मा,कस्ता से सौरभ सिंह ,श्रीनगर से मंजू त्यागी,मोहम्मदी लोकेंद्र प्रताप सिंह,पलिया से रोमी साहनी और गोला सीट से अरविंद गिरी को मैदान में उतारा है। विनोद के अलावा सातों प्रत्याशी 2017 में बीजेपी के सिंबल पर विधायक चुने गए थे।
लखीमपुर खीरी: टिकट कटने और बचने की महीने भर से चली आ रही जद्दोजहद पर आज विराम लग गया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने खीरी जिले की सभी आठ प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। 2017 में जिले की आठों सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार (BJP Candidates) जीते थे। पार्टी आला कमान ने अपने 7 विधायकों पर भरोसा जताते हुए उनके टिकट बरकरार रखे। हाल ही में पाला बदल कर समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले धौरहरा के विधायक बाला प्रसाद अवस्थी की जगह पार्टी ने बीजेपी के पुराना चेहरा रहे विनोद शंकर अवस्थी उर्फ विनोद धौरहरा को मैदान में उतारा है। विनोद 2012 के चुनाव में धौरहरा से भाजपा प्रत्याशी थे।
इन को मिला टिकट
भारतीय जनता पार्टी ने खीरी जिले सदर सीट से योगेश वर्मा,निघासन से शशांक वर्मा,कस्ता से सौरभ सिंह ,श्रीनगर से मंजू त्यागी,मोहम्मदी लोकेंद्र प्रताप सिंह,पलिया से रोमी साहनी और गोला सीट से अरविंद गिरी को मैदान में उतारा है। विनोद के अलावा सातों प्रत्याशी 2017 में बीजेपी के सिंबल पर विधायक चुने गए थे।
चुनावों की घोषणा होते ही खीरी जिले में टिकट को लेकर उहापोह की स्थिति थी। करीब करीब हर सीट पर कई कई लोग बीजेपी से टिकट मांग रहे थे। इस बीच टिकट कटने और नए चेहरों को मैदान में उतारने की चर्चाएं सियासी गलियारों की सुर्खियां बनी रहीं। शुक्रवार को सूची घोषित होते ही इन चर्चाओं को विराम मिला। टिकट फाइनल होते ही प्रत्याशियों के समर्थकों ने आतिशबाजी फोड़कर खुशियां मनाईं।
भाजपा ने बाला का टिकट काटकर उनकी जगह विनोद धौरहरा को टिकट दिया है। विनोद के नाम की घोषणा होते ही धौरहरा में जश्न का माहौल बन गया। विनोद धौरहरा इससे पहले 3 बार अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। मगर वे विधानसभा पहुंचने में नाकाम रहे। जबकि समय समय पर पार्टियां बदलने वाले बाला प्रसाद अवस्थी धौरहरा से 3 बार और 2012 में मोहम्मदी से बीएसपी के टिकट पर एक बार जीत दर्ज कर विधायक बने। 1991 में बीजेपी के टिकट पर धौरहरा से अपनी राजनैतिक यात्रा शुरू करने वाले बाला 1991 में बीजेपी से और 2007 में बीएसपी धौरहरा के विधायक रहे। 2017 में फिर से भाजपा में वापसी करने वाले बाला को धौरहरा से टिकट मिला और उन्होंने चौथी जीत दर्ज की।
चुनाव में आमने सामने होगी पिता-बेटी की जोड़ी!, जानिए कितना दिलचस्प होगा यह मुकाबला