सार
अखिलेश यादव का जिन्ना की तारीफ करने वाला मामला अब सूबे में तूल पकड़ने लगा है। सीएम योगी के बाद अब राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य ने अखिलेश पर हमला बोला है। इतना ही नहीं उन्होंने अखिलेश यादव का नया नाम बता दिया।
लखनऊ. अगले साल यानि तीन महीनों बाद देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (up election 2022) होने हैं। लेकिन नेताओं के बीच जुबानी जंग और सियासी पारा अभी से देखने को मिलने लगा है। अखिलेश यादव (akhilesh yadav) का जिन्ना (jinnah controversy) की तारीफ करने वाला मामला अब सूबे में तूल पकड़ने लगा है। सीएम योगी (cm yogi adityanath) के बाद अब राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य (deputy cm keshav maurya) ने अखिलेश पर हमला बोला है। इतना ही नहीं उन्होंने अखिलेश यादव का नया नाम बता दिया।
ये समाजवादी पार्टी नहीं, नमाजवादी पार्टी है...
दरअसल, डिप्टी सीएम यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सोमवार को हापुड़ पहुंचे। जहां उन्होंने बीजेपी नेताओं के बीच बैठक की और पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को अपने दिए बयान पर देश से माफी मांगना चाहिए। हकीकत में उनका नाम अखिलेश अली जिन्ना है। वास्तव में यह समाजवादी पार्टी नहीं बल्कि नमाजवादी पार्टी है।
एक ने देश को जो़ड़ा दूसरे ने तेश को तोड़ा
केशव प्रसाद मोर्य यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि अखिलेश ने भारत रत्न सरदार पटेल की तुलना जिन्ना से कर हिंदुओं का अपमान किया है। मोहम्मद अली जिन्ना और पटेल एक ही जगह पढ़े, लेकिन एक ने देश को जोड़ने का काम किया तो दूसरे ने तोड़ने का काम किया है। आप सब जानते हैं कि देश विभाजन जिन्ना की वजह से हुआ था। जिसमें करोड़ों लोगों का बलिदान हुआ था। लेकिन अब अखिलेश यादव ने उन्हीं बलिदानियों का अपमान किया है।
सीएम योगी ने कहा-अखिलेश की सोच तालिबानी...
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए हमला बोला। सीएम ने कहा कि जिन्ना से पटेल की तुलना शर्मनाक है। अखिलेश को जनता से माफी मांगनी चाहिए। देश की जनता विभाजनकारी मानसिकता स्वीकार नहीं करेगी। अखिलेश का बयान अत्यंत शर्मनाक है। सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत की एकता और अखंडता के शिल्पी हैं। लेकिन अखिलेश की विभाजनकारी मानसिकता सामने आ गई, जब उन्होंने जिन्ना को समकक्ष रखकर सरदार वल्लभ भाई पटेल की तुलना की।
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि रविवार को हरदोई में विजय रथ लेकर आए अखिलेश यादव ने कहा था कि सरदार पटेल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi), जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़कर बैरिस्टर बनकर आए थे। एक ही जगह पर पढ़ाई-लिखाई की। वह बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई। अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा होगा तो वह पीछे नहीं हटे। एक विचारधारा जिसने पाबंदी लगाई, अगर किसी ने पाबंदी लगाई थी लौह पुरुष सरदार पटेल ने पाबंदी लगाने का काम किया था। आज जो देश की बात कर रहे हैं वह हमें और आपको जाति और धर्म में बांटने की बात कर रहे हैं। अगर हम जाति और धर्म में बंट जाएंगे तो हमारे देश क्या होगा। दुनिया में हमारे देश की सबसे बड़ी पहचान यही है।