सार

रिटायर आईएएस अधिकारी एसएन शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि लोहिया ट्रस्ट बंगला नियमों का उल्लंघन करके आवंटित किया गया। इसी के साथ कई अन्य बंगले भी नियम के खिलाफ आवंटित किए गए।

लखनऊ (उत्तर प्रदेश). सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को योगी सरकार ने मुलायम परिवार से विक्रमादित्य मार्ग स्थित लोहिया ट्रस्ट की बिल्डिंग खाली करा ली है। बता दें, वर्तमान में मुलायम सिंह यादव ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और शिवपाल सचिव। अखिलेश सहित सपा के कई बड़े नेता इस ट्रस्ट के सदस्य हैं। यहां डॉ. राम मनोहर लोहिया की मूर्ति भी लगी है।

जानकारी के मुताबिक, राज्य संपत्ति विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की। लोहिया ट्रस्ट की यह बिल्डिंग शिवपाल यादव की पार्टी गतिशील समाजवादी पार्टी के कब्जे में थी। इसे खाली करने के लिए लोहिया ट्रस्ट ने राज्य संपत्ति विभाग से समय मांगा था। आवंटन रद्द होने के बाद ट्रस्ट 70 हजार रुपये प्रतिमाह बिल्डिंग का किराया दे रहा था। यह किराया बाजार दर से वसूला जा रहा था। लोहिया ट्रस्ट के लिए बिल्डिंग का आवंटन एक जनवरी 2017 को नए एक्ट से किया गया था। आवंटन 10 साल के लिए किया गया था, जबकि संशोधित एक्ट के मुताबिक बंगला 5 साल के लिए आवंटित किया जा सकता है। 

रिटायर आईएएस अधिकारी एसएन शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि लोहिया ट्रस्ट बंगला नियमों का उल्लंघन करके आवंटित किया गया। इसी के साथ कई अन्य बंगले भी नियम के खिलाफ आवंटित किए गए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट और सोसाइटी के अनाधिकृत बंगलों को चार महीने में खाली करने का आदेश दिया था।