सार
अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा विभाग और कृषि उत्पादन आयुक्त राजेंद्र कुमार तिवारी ने शनिवार देर शाम उप्र के मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार संभाल लिया। प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे शनिवार को सेवानिवृत्ति हो गए। हालांकि उनकी नियुक्ति अभी कार्यवाहक के तौर पर ही की गई है।
लखनऊ(उत्तर प्रदेश). अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा विभाग और कृषि उत्पादन आयुक्त राजेंद्र कुमार तिवारी ने शनिवार देर शाम उप्र के मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार संभाल लिया। प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे शनिवार को सेवानिवृत्ति हो गए। हालांकि उनकी नियुक्ति अभी कार्यवाहक के तौर पर ही की गई है। अपर मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी को शासन द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय की सेवानिवृत्ति के फलस्वरूप मुख्य सचिव के पद पर नियमित नियुक्ति होने तक मुख्य सचिव उप्र शासन के कार्य एवं दायित्वों का निर्वहन करने हेतु आपको अधिकृत किया जाता है।
राजेंद्र कुमार तिवारी (56) यूपी काडर के 1985 बैच के आईएएस हैं। वह फिलहाल राज्य के कृषि उत्पादन आयुक्त और अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा विभाग के पद पर तैनात हैं। राजेंद्र को कला व अभिनय में खासी रूचि है। उन्होंने रामलीला में भी मंचन किया था।
रामलीला में बनते थे लक्ष्मण
महोबा शहर के रहने वाले इंटर कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य गया प्रसाद तिवारी बेटे को इस बड़े मुकाम पर देख उनके मां-बाप की खुशी का ठिकाना नहीं है। जनपद के लिए ये पल बड़ा गौरवमय है। राजेंद्र कुमार बचपन से ही न केवल मां-बाप के लाड़ले रहे हैं, बल्कि पड़ोसियों से भी इनका खास लगाव रहा है। बचपन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भाग लिया करते थे। उन्होंने रामलीला में भी मंचन किया है। वह अधिकतर लक्ष्मण का रोल करते थे।
तीनों भाई हैं IAS अफसर
पिता की कड़ी मेहनत और मां के त्याग ने अपने तीन बेटो को आईएएस बना दिया। इनके बड़े बेटे देवेंद्र कुमार तिवारी झारखंड राज्य में मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उनके सबसे छोटे बेटे धीरेन्द्र तिवारी पंजाब राज्य में प्रमुख सचिव के पद पर अधीनस्थ हैं। तीनो बेटे के साथ पूर्व प्रधानाचार्य की बड़ी बहू भी केंद्र सरकार में सचिव हैं। पिता पूर्व प्रधानाचार्य गया प्रसाद तिवारी बताते है कि मेरे बेटे वर्तमान में उत्तरप्रदेश सरकार में कार्यकारी सचिव के पद पर आसीन हुए है। पढाई में हमेशा अब्वल रहने वाले राजेंद्र की प्रारंभिक शिक्षा बुंदेलखंड के ही जनपद ललितपुर में पूरी हुई।