सार
कानपुर में उपद्रवियों के ऊपर तो पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। अब उनसे जुड़े लोगों की अवैध सम्पत्ति पर बुलडोजर चलना भी शुरू हो गया है। शनिवार को केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह के आदेश पर केडीए का अमला भारी फोर्स के साथ बेनाझाबर स्थित कारोबारी मोहम्मद इश्तियाक की अवैध बिल्डिंग पर बुलडोजर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की है।
कानपुर: बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद प्रदेश के कई जिलों मे बवाल देखने को मिला। सीएम योगी ने इसको लेकर अधिकारियों को उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं। कानपुर में हुई हिंसा में चिन्हित हुए लोगों पर बुलडोजर की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीन जून को मौजूदगी में जुमा की नमाज के बाद बवाल करने वालों पर प्रदेश सरकार का शिकंजा कस गया है।
कानपुर में उपद्रवियों के ऊपर तो पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। अब उनसे जुड़े लोगों की अवैध सम्पत्ति पर बुलडोजर चलना भी शुरू हो गया है। शनिवार को केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह के आदेश पर केडीए का अमला भारी फोर्स के साथ बेनाझाबर स्थित कारोबारी मोहम्मद इश्तियाक की अवैध बिल्डिंग पर बुलडोजर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की है।
कानपुर हिंसा के मास्टर माइंड के रिश्तेदार की संपत्ति
बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ केडीए, प्रशासन के अधिकारी व आरएएफ के जवान भी मौके पर पहुंचे। वैसे तो कहा जा रहा है कि ये बिल्डिंग अवैध रुप से बनी थी तथा इसके ढहाने का आदेश पहले ही हो चुका था, परंतु गत दिनों की हिंसा के पीछे मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी का मोहम्मद इश्तियाक रिश्तेदार बताया जा रहा है।
ये था पूरा मामला
कानपुर में तीन जून के बेकनगंज थाना क्षेत्र के नई सड़क में जुमा की नमाज के बाद उपद्रव को लेकर बेहद गंभीर सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद हालात दुरुस्त हो रहा है। इसी बीच जुमा की नमाज शांतिपूर्ण निपटने का इंतजार कर रहा प्रशासन शनिवार को उपद्रवियों के खिलाफ एक्शन में आ गया।
बिल्डिंग के आधे हिस्से को गिरा दिया गया
केडीए ओएसडी अवनीश सिंह ने बताया कि आवासीय में इश्तियाक का नक्शा दर्ज है। लेकिन पूरी बिल्डिंग को कॉमर्शियल बना दिया । 130 वर्ग मीटर जमीन के अलावा रोड पर करीब 10 वर्ग मीटर अवैध निर्माण किया गया था।
इसलिए केडीए वीसी अरविंद सिंह के निर्देश पर अवैध हिस्सा गिराने की कार्रवाई की जा रही है। केडीए अधिकारियों के मुताबिक 2021 में बिल्डिंग को सील किया गया था। ध्वस्तीकरण के आदेश भी दिए गए थे, इसके बाद भी निर्माण जारी रखा गया है। बिल्डिंग के आधे हिस्से को गिरा दिया गया है।