सार

ललितपुर की घटना पर एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने मीडिया से की बातचीत। उन्होंने कहा है कि आरपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी।

ललितपुर: यूपी के ललितपुर की घटना को लेकर एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'घटना की जानकारी मिलने पर इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है और इंस्पेक्टर समेत 6 लोगों पर केस दर्ज हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ADG जोन ने पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की और पाली थाने के पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है'।
उन्होंने आगे बताया कि 'इस मामलें में अबतक कुल 3 लोगों की गिरफ्तारी की गई है और DIG झांसी को मौके पर कैंप करने के निर्देश दिए है और जबतक खुलासा नहीं होता DIG मौके पर रहेंगे उन्होंने आगे कहा कि दोषी कोई भी हो सख्त कार्रवाई की जाएगी और टीमें और गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है'।

क्या है पूरा मामला
बता दे कि  ललितपुर में नाबालिग लड़की से पहले गैंगरेप और फिर थाने में दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। ललितपुर के पाली थाने के इंस्पेक्टर पर लड़की से दुष्कर्म का आरोप लगा है। आरोप लगने के बाद से थाना अध्यक्ष फरार है। उसको सस्पेंड कर दिया गया है। आरोपी इंस्पेक्टर समेत 6 पर मुकदमा दर्ज किया गया है। बाताया ये भी जा रहा है कि नाबालिग लड़की का अपहरण कर भोपाल में उसके साथ 4 लड़को ने बलात्कार किया और उसके बाद उसको ललितपुर छोड़ गए। इस पूरे मामले में जानकारी ये भी मिली है कि लड़की की मौसी ने ही लड़की को SHO के कमरें में छोड़कर आई थी। 

योगी सरकार पर विपक्ष हुआ हमलावर
सपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में लिखा- 'न्‍याय को ही लोगों के दरवाज़े तक नहीं पहुंचना होता है। कभी-कभी न्याय की पुकार के लिए भी लोगों के दरवाज़े तक जाना होता है।'वहीं दूसरी तरफ शिवपाल यादव नें भी ट्वीट कर के सरकरा पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि 'ललितपुर में एक 13 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप और फिर शिकायत लेकर जाने पर थानेदार द्वारा बलात्कार की घटना पुलिस व्यवस्था की निष्ठुरता व नृशंसता की बानगी भर है। न जाने कितनी निरीह बेटियां ऐसी होंगी जिनके अपमान की करुण कथा नौकरशाही व पुलिस व्यवस्था की परिधि से बाहर ही न आ पाती होंगी।' एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने लिखा-' निःसंदेह उत्तर प्रदेश बेटियो के लिए इतना असुरक्षित और असंवेदनशील कभी नहीं था! प्रदेश सरकार को थानों में महिलाओं की तैनाती बढ़ाने व थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए गंभीरता से प्रयास करना होगा? साथ ही हमारी यह भी मांग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।'